देश के आर्थिक विकास को असली खतरा उस राजनीति से है जो नारा लगाकर विकास का धंधा और झूठ बोलकर जन आकांक्षाओं की निर्मम हत्या कर रही है। चार दिन पहले भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट (X) किया कि भारत ने 2015 से 2025 के बीच जीडीपी को 2.1 ट्रिलियन डॉलर से 4.3 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंचा कर शानदार उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने आईएमएफ के नए डेटा को इसका आधार बताया। हकीकतऔरऔर भी

देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के चेयरमैन सी.एस. शेट्टी का कहना है कि भारत को प्रगति के लिए निश्चित रूप से 8% सालाना की गति से विकास करना होगा। इसके लिए निजी पूंजी निवेश व खपत को बढ़ाना पड़ेगा। लेकिन यह कैसे होगा? वहीं, कुछ सालों में दुनिया के सबसे अमीर से सातवें नंबर पर आ चुके माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स का कहना है कि भारत अगर 2047 तक विकसित देश बन जाए तो इससेऔरऔर भी

मोदी सरकार चाहे तो भारत को 22 सालों में साल 2047 तक विकसित देश बना सकती है। लेकिन इसके लिए उसे देश के हवाई अड्डों से लेकर बंदरगाहों, खदानों और बहमूल्य रीयल एस्टेट को औने-पौने दाम पर अडाणी को बेचने से बाज आना पड़ेगा और अडाणी व अम्बानी जैसे तमाम अपने चहेते बड़े औद्योगिक समूहो को भारत का निर्यात बढ़ाने के काम में झोंक देना होगा। क्या हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के बड़े कॉरपोरेट समूहोंऔरऔर भी

भारतीय शेयर बाजार अब भी इतना विकसित नहीं हुआ है कि उस्तादों के शिकंजे से निकलकर आम निवेशकों व ट्रेडरों के लिए भी बहुत सहज व सामान्य हो जाए। इनके लिए तो अब भी वही पुरानी स्थिति है कि सावधानी हटी, दुर्घटना घटी। कोई भी कहीं भी रिटेल निवेशकों व ट्रेडरों के बीच सर्वे कर ले तो यही नतीजा निकलेगा कि 90-95% निवेशक व ट्रेडर गंवाते हैं, जबकि केवल 5-10% ही कमाते हैं। साथ ही यहां निवेशऔरऔर भी

आज दुनिया की जो भी व्यवस्था है, उसमें 70% देश विकसित या अमीर नहीं है। यहां अमीर देश होना नियम नहीं, अपवाद है। भारत अपने पड़ोसी देशों नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार, पाकिस्तान व श्रीलंका के साथ निम्न मध्यम आय के 52 देशों में शुमार है, जबकि ब्राज़ील, चीन, क्यूबा, इंडोनेशिया, ईरान, इराक, लीबिया व दक्षिण अफ्रीका जैसे 54 देश उच्च मध्यम आय वाले हैं। ब्रिक्स देशों में से रूस अमीर देश है। केवल भारत निम्न मध्यम आय काऔरऔर भी