अमेरिका का 175 अरब डॉलर डिपॉज़िट वाला सिलिकॉन वैली बैंक डूबा क्यों? मालूम हो कि यह अमेरिका का 16वां सबसे बड़ा बैंक था और इसके पास दिसंबर 2022 के अंत में कु 209 अरब डॉलर की आस्तियां थी। लेकिन इसने जब निकलती जमा की भरपाई के लिए अमेरिकी सरकार के ट्रेजरी बॉन्ड बेचने की कोशिश की तो उसे एक झटके में 1.8 अरब डॉलर की चपत लग गई। असल में बैंक अपनी बचत सुरक्षित रखने के लिएऔरऔर भी

दुनिया के आर्थिक व वित्तीय पटल पर इस समय भयंकर अनिश्चितता छाई हुई है। कब कहां से अचानक कोई आफत टपक पड़े, कहा नहीं जा सकता। इसकी शुरुआत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था व वित्तीय केंद्र अमेरिका से होती है। ताजा मामला यह है कि अमेरिका की कुछ सबसे बड़ी टेक्नोलॉज़ी कपनियों को ऋण देनेवाला सिलिकॉन वैली बैंक संकट के बाद शुक्रवार को बंद हो गया। यह साल 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद बैठने वालाऔरऔर भी

किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले उसकी परख और कामकाज का विश्लेषण ज़रूरी है। दिक्कत यह है कि यह ज़रूरी काम कायदे से कैसे किया जाए? कंपनी के अतीत का विश्लेषण हम कर सकते हैं। उसके अब तक के वित्तीय प्रदर्शन की तहकीकात कर सकते हैं। उद्योग व बाज़ार की तुलना में उसके शेयर का मूल्यांकन कर सकते हैं। ये पहलू मात्रात्मक विश्लेषण से साफ हो जाते हैं। इनमें कंपनी पर चढ़े ऋण से जुड़ाऔरऔर भी

माना जाता है कि इक्विटी एफ एंड ओ सेगमेंट में फ्यूचर्स ही सबसे ज्यादा रिस्की है, जबकि ऑप्शंस में ट्रेड करना अपेक्षाकृत सुरक्षित है क्योंकि इसमें नुकसान सीमित है और उतना ही धन डूबता है जितना ऑप्शंस के लिए आपने प्रीमियम दिया होता है। लेकिन सेबी की अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक ऑप्शंस भी ज्यादातर व्यक्तिगत ट्रेडरों के लिए घाटे का सौदा हैं। रिपोर्ट बताती है, “वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान इंडेक्स ऑप्शंस में ट्रेड करनेवाले 89% व्यक्तियोंऔरऔर भी