अगर आपका निवेश कुछ दिनों, महीने या साल भर में 20% गिर जाए और आपकी रातों की नींद हराम हो जाए तो साफ हो जाता है कि आपकी रिस्क क्षमता शेयर बाज़ार में निवेश करने की नहीं है। तब आपको एफडी या बॉन्ड जैसे शांत माध्यमों में निवेश करना चाहिए। हम निवेश मन की शांति खोने के लिए नहीं, बल्कि आज और कल को सुरक्षित व शांत रखने के लिए करते हैं। ज्यादा रिटर्न सभी को अच्छा लगता है। लेकिन सब का रिस्क-प्रोफाइल अलग होता है तो उसे इसके हिसाब से ही रिटर्न की इच्छा और निवेश करना चाहिए। यह भी तय करें कि किसी निवेश के पीछे आपका वित्तीय मकसद क्या है? मसलन, वो रिटायरमेंट के लिए है, करियर के लिए, बच्चों की पढ़ाई के लिए या आकस्मिकता से निपटने के लिए? शुरू में ही तय करें कि किसी निवेश की मीयाद क्या है? देखें कि निवेश को कितनी जल्दी और कैसे निकालकर आप अपना धन वापस पा सकते हैं। पता होना चाहिए कि क्या-क्या चीजें आपके निवेश को प्रभावित कर सकती हैं? हर निवेश की कोई न कोई लागत होती है। यह भी जानें कि हासिल रिटर्न पर कितना टैक्स देना पड़ सकता है? ऐसे सवालों पर स्पष्टता से ही निवेश की दुनिया खुलती है। अब तथास्तु में आज की कंपनी…
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