सीबीआई ने दावा किया है कि कलैगनर टीवी में 200 करोड़ रुपए के अवैध हस्तांतरण को ढकने के लिए 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद करार किया गया और पूर्व संचार मंत्री ए राजा के इस्तीफे के बाद धन को इसके मूल स्रोत को लौटा दिया गया।
सीबीआई ने डीबी रीयल्टी के एक एकाउंटेंट और सिनेयुग फिल्म्स प्रा. लि. के निदेशक के बयानों के आधार पर यह दावा किया है। इसके मुताबिक शाहिद बलवा की कंपनी से कलैगनर टीवी को 23 दिसंबर 2008 से 7 अगस्त 2009 के बीच धन का हस्तांतरण हुआ। कलैगनगर चैनल में डीएमके सांसद कनिमोई की भी 20 पीसदी हिस्सेदारी है।
सीबीआई ने 21 अक्तूबर 2009 को घोटाले में दूरसंचार विभाग के अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी और धन के लेनदेन के लिहाज से करारनामा 27 जनवरी 2010 को किया गया। सीबीआई ने अपनी दूसरी चार्जशीट में कहा है कि स्वान टेलीकॉम तथा डायनामिक्स रीयल्टी के प्रवर्तक शाहिद बलवा व विनोद गोयनका ने घुमावदार रास्ते से 200 करोड़ रुपए चैनल को दिए। जब राजा ने इस्तीफा दिया और एजेंसी ने उनसे पूछताछ की तो धन उसी रास्ते से डीबी रीयल्टी को लौटा दिया गया।
सीबीआई ने डीबी रीयल्टी के एकाउंटेंट सतीश अग्रवाल और सिनेयुग फिल्म्स प्रा.लि. के निदेशक मोहम्मद मोरानी के बयानों के हवाले से यह बात कही है। इन दोनों को इस बात की पुष्टि के लिए गवाह बनाया गया था कि स्वान टेलीकॉम ने 2जी लाइसेंस पाने के लिहाज से रिश्वत के तौर पर यह धन दिया।
सतीश अग्रवाल ने सीबीआई को बताया कि डायनामिक्स रीयल्टी ने 23 दिसंबर 2008 से 11 अगस्त 2009 के बीच (आसिफ बलवा की) कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजिटेबिल्स प्रा. लि. को 209 करोड़ रुपए का कर्ज दिया था जिसके लिए कोई करार नहीं किया गया।