विदेशी निवेशक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में विश्वास जता रहे हैं। कोल इंडिया, पावरग्रिड कॉरपोरेशन और एनटीपीसी जैसी नौ कंपनियों में हाल के दिनों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की हिस्सेदारी बढ़ी है।
पिछले दो साल में आईपीओ लानेवाली 11 सरकारी कंपनियों की शेयरधारिता के ताजा आंकड़ों के अनुसार नौ कंपनियों में चालू वित्त वर्ष 2010-11 की दिसंबर तिमाही में सितंबर तिमाही के मुकाबले एफआईआई की हिस्सेदारी बढ़ी है। हालांकि, ऑयल इंडिया और इंजीनियर्स इंडिया में एफआईआई की हिस्सेदारी घटी है। सार्वजनिक क्षेत्र की एक अन्य कंपनी मॉयल में एफआईआई हिस्सेदारी कम हुई है। इसका आईपीओ दिसंबर 2010 में ही आया था। आईपीओ में एफआईआई ने इसके 3.62 फीसदी शेयर खरीदे थे। लेकिन दिसंबर अंत तक उनकी हिस्सेदारी घटकर 0.97 फीसदी पर आ गई है।
पावरग्रिड कॉरपोरेशन में एफआईआई की हिस्सेदारी चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में बढ़कर 12.05 फीसदी हो गयी जो इसी वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में मात्र 1.65 फीसदी थी। इसी प्रकार, पिछले साल सूचीबद्ध होने वाली कोल इंडिया में एफआईआई हिस्सेदारी दो महीने में दो तिहाई बढ़कर दिसंबर महीने के अंत तक 5.54 फीसदी हो गयी। अक्तूबर के अंत में कंपनी की एफआईआई हिस्सेदारी 3.32 फीसदी थी।
विशेषज्ञों का कहना है कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में एफआईआई हिस्सेदारी में वृद्धि का कारण है कि इनका हिसाब-किताब मजबूत है और इनके कारोबार की संभावनाएं बेहतर हैं।