प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हफ्ते भर पहले की गई अपनी पेशकश को अमली जामा पहनाते हुए सोमवार को बाकायदा लोक लेखा समिति (पीएसी) को एक पत्र भेजकर कहा कि वे 2जी स्पेटक्ट्रम आवंटन घोटाले की जांच के सिलसिले में समिति के सामने पेश होने को तैयार हैं। उन्होंने पीएसी के अध्यक्ष और बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी को यह पत्र उस दिन भेजा है, जब नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) विनोद राय भी पीएसी के सामने पेश हुए हैं।
गौरतलब है कि कैग की रिपोर्ट में आकलन किया गया है कि 2जी स्पेक्ट्रम में गलत आवंटन के कारण सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। इस रिपोर्ट के आने के बाद ही इस मसले पर राजनीतिक बवाल खड़ा हुआ है। बता दें कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बीते सोमवार कांग्रेस के महाधिवेशन में घोषणा की थी कि चूंकि उनके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है, लिहाजा वे पीएसी के समक्ष पेश होने को तैयार हैं।
प्रधानमंत्री ने पीएसी अध्यक्ष जोशी को संबोधित पत्र में कहा, ‘‘हाल के इस दुष्प्रचार के मद्देनजर कि प्रधानमंत्री संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के समक्ष पेश होने के इच्छुक नहीं हैं, मैं आपको यह सूचित करना चाहता हूं कि अगर समिति प्रधानमंत्री से स्पष्टीकरण मांगने का फैसला करती है तो मैं पीएसी के समक्ष पेश होने को तैयार हूं। हालांकि, मेरा मानना है कि प्रधानमंत्री के पीएसी के समक्ष पेश होने का कोई पूर्व उदाहरण नहीं रहा है।’’