एक तरफ 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने की मांग पर बीजेपी की अगुआई में विपक्ष संसद से बाहर भी सरकार से भिड़ा हुआ है, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के ही वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) ने इस मुद्दे पर विचार और सलाह मांगी है।
श्री जोशी ने इस मुद्दे पर सोमवार, 27 दिसंबर को पीएसी की बैठक बुलाई है जिसमें लोगों की ओर से पेश विचारों पर सुनवाई की जाएगी। लोकसभा सचिवालय ने एक अधिसूचना में कहा है, ‘‘इस विषय के महत्व और इसमें दर्शाई गई राष्ट्रव्यापी रूचि को ध्यान में रखते हुए समिति ने इस विषय में रूचि लेने वले विभिन्न व्यक्तियों, विशेषज्ञों, संघों, संस्थाओं, संगठनों इत्यादि से विचार व सुझाव वाले ज्ञापन आमंत्रित करने का निर्णय लिया है।’’
यह अधिसूचना ऐसे समय आई है जब जेपीसी की मांग पर सरकार और विपक्ष के बीच तनातनी मची है। प्रधानमंत्री ने गतिरोध को तोड़ने के लिए पहल करते हुए पीएसी के समक्ष पेश होने की पेशकश की है। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने तो जेपीसी से जांच कराने के मसले पर बहस के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने का प्रस्ताव रख दिया। लेकिन विपक्ष का कहना है कि पहले जेपीसी गठित हो, तभी कोई बहस होगी। उसने प्रधानमंत्री की पेशकश के साथ ही जेपीसी की मांग पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की पेशकश ठुकरा दी है।