होटल लीला वेंचर्स (बीएसई – 500193, एनएसई – HOTELEELA) का शेयर पिछले एक महीने में 55.60 रुपए से गिरकर साल भर के न्यूनतम स्तर 40.15 रुपए तक जा चुका है। कल यह बीएसई में 45.40 रुपए पर बंद हुआ है। अधिग्रहण के कयासों के बीच इसने 10 अक्टूबर 2010 को 58.70 रुपए पर 52 हफ्ते का शिखर बनाया था। इसका ठीक पिछले बारह महीनों का ईपीएस 1.22 रुपए है और इसका शेयर इससे 37.12 गुना (पी/ई) अनुपात पर ट्रेड हो रहा है, जबकि उसकी बुक वैल्यू 22.71 रुपए है।
असल में कंपनी की हालत इधर अच्छी नहीं चल रही। सितंबर 2010 की तिमाही में उसकी आय पिछले साल की इसी तिमाही की तुलना में 17.7 फीसदी बढ़कर 105.6 करोड़ रुपए हो गई, लेकिन उसे 4.7 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा उठाना पड़ा है जबकि पिछली बार 1.7 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ था। इस दौरान उसकी परिचालन लागत 13.5 फीसदी बढ़ गई है। साथ ही उस पर ब्याज का बोझ 5.8 करोड़ से बढ़कर 15.1 करोड़ रुपए हो गया है। बीते वित्त वर्ष में भी उसके शुद्ध लाभ में भारी कमी आई थी। 2008-09 में उसने 459.7 करोड़ रुपए की आय पर 144.9 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था। लेकिन 2009-10 में उसकी आय फीसदी 5.11 फीसदी घटकर 436.2 करोड़ रुपए हो गई, जबकि शुद्ध लाभ 71.70 फीसदी की भारी गिरावट के साथ 41 करोड़ रुपए पर आ गया।
लेकिन कंपनी की भावी योजनाएं काफी महत्वाकांक्षी हैं। उसके पास अभी मुंबई, बैंगलोर, गोवा, गुड़गांव, उदयपुर, केरल और दिल्ली में फाइव स्टार होटल हैं। वह दिल्ली और चेन्नई में दो नए फाइव स्टार बनाने में लगी है। दिल्ली के चाणक्यपुरी इलाके में बन रहा 260 कमरों का होटल जनवरी 2011 से काम करना शुरू कर देगा, जबकि चेन्नई के अद्यार बीच पर बन रहे 332 कमरों के होटल में अगले वित्त वर्ष 2011-12 से लोगों का रहना शुरू हो जाने की उम्मीद है। दिल्ली के होटल की कुल अनुमानित लागत 1180 करोड़ और चेन्नई की 532 करोड़ रुपए है। इन दो होटलों के तैयार हो जाने से कंपनी के पास कमरों की क्षमता बढ़कर 2115 हो जाएगी। इसके अलावा कंपनी हैदराबाद व आगरा के साथ ही केरल के कोल्लम जिले अष्टमुदी झील के किनारे नए होटल बनाने की तैयारी में है।
इधर कंपनी अतिरिक्त धन के इंतजाम के लिए अपनी कुछ पुरानी आस्तियां भी निकाल रही है। वह चेन्नई का आईटी पार्क बेचने की सोच रही है। इससे उसे 220 करोड़ रुपए मिल सकते हैं जिससे वह अपने ऊपर कर्ज का बोझ घटा देगी। कंपनी के ऊपर इस समय कुल 3351 करोड़ रुपए का कर्ज है। उसने पुणे की अपनी जमीन पर स्थानीय बिल्डरों के साथ मिलकर महंगी आवासीय व व्यावसायिक प्रॉपर्टी विकसित करने की योजना भी बनाई है। कंपनी प्रबंधन की तरफ से इसकी आधिकारिक घोषणा भी जल्दी ही की जा सकती है। इन पूरे विकासक्रम के आधार पर जानकारों का कहना है कि कंपनी का शेयर साल भर में 60 रुपए तक तो पहुंच ही जाना चाहिए। वैसे भी यह इस समय अपने न्यूनतम स्तर के आसपास चल रहा है। इसलिए इस पर लंबे समय का दांव लगाया जा सकता है।
शायद आपको पता ही होगा कि लीला समूह की स्थापना कैप्टन सी पी कृष्णन नायर ने सेना के रिटायर होने के बाद 1957 में की थी। होटल लीला वेंचर्स की चुकता पूंजी 77.56 करोड़ रुपए है जो दो रुपए अंकित मूल्य के शेयरों में बंटी है। इसका 54.61 फीसदी हिस्सा प्रवर्तकों के पास है, जबकि एफआईआई का हिस्सा 3.64 फीसदी और डीआईआई का हिस्सा 6.57 फीसदी है। उसके कुल शेयरधारकों की संख्या 1,47,760 है। इसमें आईटीसी भी शामिल है जिसके पास कंपनी के 8.26 फीसदी शेयर हैं। इसके अलावा आईटीसी से ही ताल्लुक रखनेवाली रसेल क्रेडिट ने भी इसके 2.43 फीसदी शेयर खरीद रखे हैं। आईटीसी खुद होटलों की श्रृंखला चलाती है, इसलिए होटल लीला वेंचर्स के अधिग्रहण के कयास बराबर लगते रहेंगे।