केपी के नाम पर हाथों की सफाई

बाजार में अफवाहों का चक्र घूम रहा है कि पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी केतन पारेख (केपी) से जुड़े स्टॉक्स के खिलाफ आदेश सुनाने जा रही है। ऐसे स्टॉक्स में रेलिगेयर, सुज़लॉन, डीबी रीयल्टी, गोदरेज प्रॉपर्टीज, महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंस, जेएसडब्ल्यू पावर, पैंटालून, अडानी एंटरप्राइसेज, बीजीआर एनर्जी और आशापुरा माइनकेम का नाम लिया जा रहा है। बड़ी चालाकी से कोई ये सारी कहानियां प्लांट करा रहा है ताकि बाजार में भागमभाग मचे और वो अपना खेल कर सके। ऐसे लोग निवेशकों का ध्यान हटाकर सिर्फ और सिर्फ केपी पर केंद्रित कर देना चाहते हैं, जबकि हकीकत यह है कि 2000 के बाद से पिछले दस सालों में बाजार ने कभी भी केपी से जुड़ी कहानियों को तवज्जो नहीं दी है।

मुझे तो लगता है कि केपी इस समय पंचिंग पैड बन गया है। शेयर बाजार का हर चालाक ऑपरेटर अपनी धूल केपी के नाम पर झाड़ने की कोशिश में लगा है। शायद उसे पता है कि टीवी और अखबार उसकी कही बातों को केपी से जोड़कर हेडलाइन बना देंगे। आप सेंसेक्स और निफ्टी का बाजार पूंजीकरण देखो। फिर उन स्टॉक्स से इसकी तुलना करो जिनमें केपी का नाम आ रहा है। सिस्टम को धता बताने के लिए कम से कम पांच से दस हजार करोड़ रुपए की जरूरत पड़ेगी। फिर भी किसी को लगता है कि केपी ने खेल किया है तो राष्ट्रमंडल खेल घोटाले की तर्ज पर तमाम संदिग्ध बैंक खातों की जांच करा लो। इनका पीछा करते-करते आप सच तक पहुंच जाएंगे। ऐसा छोटे व रिटेल निवेशकों की निराशा व घबराहट को दूर करने के लिए जरूरी भी है।

बाजार एक ऐसी जगह है जहां हर तरह की अफवाहें निराशा के बीच फलती-फूलती हैं। कुछ लोग इसका फायदा उठाते हैं। किसी दूसरे का नाम लेकर स्टॉक्स को धुनते हैं और अपना खुद का कल्याण कर लेते हैं। आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) की रिपोर्ट आ गई है तो आईबी, सीबीआई व सेबी को अपना काम करने दीजिए और निवेशकों को मूल्यवान स्टॉक पर ध्यान लगाने दीजिए। अगर किसी कंपनी का मूल्यांकन सही है तो किसी का हाथ होने के बावजूद उस स्टॉक को समर्थन मिलेगा, जैसा कि वेलस्पन कॉरपोरेशन के साथ हो रहा है। इसलिए चिंता क्यों करने का?

मसलन, ब्रशमैन की बात करें तो सेबी ने संजय डांगी से जोड़कर जो आदेश सुनाया, उससे पहले इसे कौन जानता था? ब्रशमैन इकलौती कंपनी है जो पेंटिंग ब्रश बनाती है। यह कंपनी अब रातोंरात मशहूर हो गई है। डांगी और कई एफआईआई ने कुछ दाम देखकर इसके शेयर 150 रुपए के भाव पर खरीदे थे। इसके भावों के साथ धांधली की पूरी गुंजाइश है, लेकिन अब जबकि इसका भाव 7 रुपए पर आ चुका है तो नुकसान किसका होना है? कंपनी के प्रवर्तक और डांगी को यह स्टॉक बेचने से रोक दिया गया है और एफआईआई ने लंबे अरसे से इसे बेचा नहीं है। इसलिए कम मूल्य का होने के बावजूद यह स्टॉक कई गुना होने की संभावना रखता है।

जिस किसी ने भी घोटाले के बाद सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज को खरीदने की कोशिश की और कायदे से कामयाब रहा, वह अब तक लाखों कमा चुका है। ब्रशमैन भी आपको ऐसा ही फायदा दिला सकता है क्योंकि इसके प्रवर्तकों को पूंजी बाजार में उतरने से रोका गया है न कि अपनी कंपनी को बेचने से। एक नामी पेंट कंपनी की निगाहें अब भी ब्रशमैन की सुविधाओं पर लगी हुई हैं। एक निवेशक अपनी हिम्मत दिखा चुका है और उसने कंपनी में अपनी होल्डिंग बढ़ा ली है। आप बस इतना ध्यान रखें कि गलत मूल्यांकन पर किसी स्टॉक में प्रवेश न करें। मैं आपको बैंकिंग सेक्टर के बारे में बराबर आगाह करता रहा हूं और आज ब्याज दरें बढ़ने का व्यापक असर इस सेक्टर के शेयरों पर पड़ा है।

आप आज जो भी अच्छा स्टॉक खरीदते हैं, मैं उस पर दांव लगाने को तैयार हूं। देखिएगा कि एक महीने बाद कोई भी घोटाले के भूत तक की चर्चा नहीं करेगा। औकात से ज्यादा उधार लेकर निवेश मत कीजिए। लेकिन अच्छे मूल्यवान स्टॉक को खरीदिए जरूर। आपको यह बात समझनी चाहिए कि तमाम स्टॉक्स हमें इस समय निफ्टी के 4000 अंक के स्तर के भाव पर मिल रहे हैं क्योंकि उनमें तो भारी करेक्शन आ चुका जबकि निफ्टी अब तक के शीर्ष से महज 5 फीसदी नीचे है। लेकिन मैं तो जानता हूं कि आपके पास धन होगा तब भी आप इस समय नहीं खरीदेंगे। बजाय इसके आप बाजार के नई शीर्ष पर पहुंचने पर खरीदेंगे और तब आपको अगला ‘भूत’ एक बार फिर दबोच डालेगा।

बाजार सुरक्षित है। एफआईआई ज्यादा से ज्यादा तेजी की धारणा पकड़ते जा रहे हैं। इसलिए मेरा सुझाव है कि भारत की विकास-गाथा में निवेश करते रहें।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ हैलेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

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