औकात से सस्ती है आर्किडप्लाई

ऑर्किड नहीं आर्किडप्लाई इंडस्ट्रीज नाम है उसका। उसके शेयर एनएसई (कोड – ARCHIDPLY) और बीएसई (कोड – 532994) में लिस्टेड हैं। बी ग्रुप के इस शेयर का अंकित मूल्य 10 रुपए है। उसकी मौजूदा बुक वैल्यू 48.38 रुपए है, जबकि शेयर का भाव चल रहा है 32.90 रुपए। कल ही बीएसई में इसमें 3.79 फीसदी और एनएसई में 2.52 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है। मोटी-सी बात है कि कोई शेयर अगर अपनी बुक वैल्यू से नीचे है तो उसे उत्तम खरीद माना जाना चाहिए। वैसे भी, आर्किडप्लाई का शेयर इस समय 9.15 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है क्योंकि उसका ठीक पिछले बारह महीने (टीटीएम) का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 3.59 रुपए है, जबकि इसी उद्योग की अन्य कंपनी सेंचुरी प्लाई का पी/ई अनुपात अभी 20 से ज्यादा है।

आर्किडप्लाई आज के फर्नीचर व घरों में इस्तेमाल होनेवाले तरह-तरह के प्लाईवुड, प्री-लैमिनेटेड बोर्ड, वेनीयर, लैमिनेट और ब्लॉक बोर्ड व फ्लश डोर बनाती है। करीब चालीस साल पुरानी कंपनी है। असम, उत्तराचंल और कर्नाटक में उसकी उत्पादन इकाइयां हैं। कंपनी के पास डीलरों और वितरकों का देशव्यापी नेटवर्क है। उसके करीब 550 कर्मचारियों में से 150, यानी करीब एक-चौथाई से ज्यादा मार्केटिंग का काम देखते हैं। यानी, कच्चे माल की नजदीकी से लेकर बाजार तक सही से पहुंचने का उसने पुख्ता इंतजाम कर रखा है।

कंपनी ने वित्त वर्ष 2009-10 में 151.32 करोड़ रुपए की आय पर 7.98 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है। इस साल जून 2010 की तिमाही में उसकी आय 38.10 करोड़ और शुद्ध लाभ 2.20 करोड़ रुपए रहा है। अभी कल ही उसकी मैसूर इकाई में मजदूरो से चल रहा झगड़ा सुलझा है। असल में कंपनी अपनी इस इकाई की जमीन का व्यावसायिक इस्तेमाल करना चाहती है और फैक्टरी को दूसरी जगह चिंतामणि ले जा रही है। इसी पर मजदूरों से विवाद चल रहा था जो अब पूरी तरह सुलझ गया है। जाहिर है जमीन के दाम से कंपनी की बैलेंस शीट और चमक जाएगी। जानकार बताते हैं कि यह शेयर अगले कुछ महीनों में 60 रुपए तक जा सकता है। अभी तक इसका 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 42.90 रुपए और न्यूनतम स्तर 26.75 रुपए रहा है।

कंपनी का प्रवर्तक डागा परिवार है। दीन दयाल डागा उसके चेयरमैन व प्रबंध निदेशक हैं जबकि उनके बेटे श्याम डागा संयुक्त प्रबंध निदेशक और राजीव डागा कार्यकारी निदेशक हैं। कंपनी की 22.05 करोड़ रुपए की इक्विटी में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 70.64 फीसदी है। इसमें एफआईआई और डीआईआई का निवेश अभी तक नहीं है। कंपनी के कुल शेयरधारकों की संख्या मात्र 9536 है। कंपनी के साथ फिलहाल जो जोखिम दिख रहा है वह कॉरपोरेट गवर्नेंस का हो सकता है। दूसरे इसके शेयर में बहुत ज्यादा सक्रियता नहीं रहती। फिर भी बीएसई में पिछले दो हफ्तों का औसत वोल्यूम 28,000 शेयरों का रहा है। एनएसई में कल इसके 54,426 शेयरों के सौदे हुए जिसमें से 4192 फीसदी डिलीवरी के लिए थे।

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