सरकार दूसरी छमाही में कम जुटाएगी उधार

सरकार, दूसरी छमाही के लिए बजट में जितना तय है, उससे कम उधार बाजार से जुटाएगी। यह कहना है वित्त सचिव अशोक चावला का। उनके मुताबिक अक्टूबर से मार्च के बीच सरकारी बांडों के जरिए 1.70 लाख करोड़ रुपए का कर्ज जुटाया जाना था। लेकिन अब यह रकम 1.63 लाख करोड़ रुपए ही रहेगी। इस तरह अब बाजार पर 7000 करोड़ रुपए के सरकारी बांडों का बोझ कम हो जाएगा। हालांकि यह अपेक्षाकृत इतनी छोटी रकम है कि इससे बांड बाजार की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ता।

चावला ने राजधानी में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि जिस तरह का कैश फ्लो है और धन की जरूरत है, उसे देखते हुए पूरी तय रकम जुटाने की जरूरत नहीं थी। इसलिए मात्रा 10,000 करोड़ रुपए घटा दी गई। इसमें से 3000 करोड़ पहली छमाही में और 7000 करोड़ दूसरी छमाही में घटाए गए हैं। गौरतलब है कि सरकार की उधारी में कमी की खास वजह यह है कि उसे 3जी और ब्रॉडबैंड स्पेक्ट्रम की नीलामी से उम्मीद से काफी ज्यादा रकम मिल गई है। दूसरे, अभी तक मिला कर राजस्व भी अच्छा-खासा रहा है।

बता दें कि फरवरी में चालू वित्त वर्ष 2010-11 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने पूरे साल में 4.57 लाख करोड़ रुपए बाजार से उधार जुटाने का लक्ष्य रखा था। इसमें से 2.87 लाख करोड़ रुपए पहली छमाही, यानी चालू सितंबर माह के अंत तक जुटाए जाने थे और 1.70 लाख करोड़ रुपए दूसरी छमाही में। पहली छमाही के लिए तय रकम बाद में 3000 करोड़ रुपए घटा दी गई है। इसके बाद बची राशि में से 2.73 लाख करोड़ रुपए अब तक सरकारी बांडों से जारी किए जा चुके हैं और कल शुक्रवार को बाकी बचे 11,000 करोड़ रुपए के बांड जारी किए जाएंगे।

वित्त मंत्रालय ने इसके साथ ही गुरुवार को सरकारी और कॉरपोरेट बांडों में विदेशी संस्थागत (एफआईआई) निवेश की अधिकतम सीमा 500 करोड़ डॉलर बढ़ाकर क्रमशः 1000 करोड़ डॉलर और 2000 करोड़ डॉलर कर दी। अभी तक यह सीमा 500 करोड़ और 1500 करोड़ डॉलर थी। यह फैसला उन बांडों पर लागू होगा जिनके परिपक्व होने में पांच साल से ज्यादा का वक्त बचा हुआ है। रिजर्व बैंक की डिप्टी गवर्नर श्यामला गोपीनाथ का कहना है कि सरकारी उधारी सामान्य तरीके से जुटाई जाएगी। हो सकता है कि फ्लोटिंग दरों के बांड जारी किए जाएं। बाजार पर सरकारी उधारी का दबाव घटने से गुरुवार को 10 साल की परिपक्वता वाले सरकारी बांडों के दाम थोड़े से कम हो गए और नतीजतन उन पर यील्ड की दर 0.03 फीसदी बढ़कर 7.90 फीसदी हो गई।

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