बीईएमएल सरकार की मिनी-रत्न कंपनी है। रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में है। पहले इसका नाम भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड हुआ करता था। ए ग्रुप की कंपनी है। इधर चर्चा है कि उसे बड़े ऑर्डर मिलनेवाले हैं और सरकार अपनी थोड़ी इक्विटी हिस्सेदारी बेच भी सकती है। हालांकि कंपनी में सरकार की वर्तमान हिस्सेदारी 54.03 फीसदी है। इसलिए वह बहुत बेचेगी तो 3 फीसदी इक्विटी ही बेच सकती है क्योंकि इसमें 51 फीसदी से कम सरकारी हिस्सेदारी नहीं हो सकती है।
कंपनी का 10 रुपए अंकित मूल्य का शेयर शुक्रवार को बीएसई में (कोड – 500048) 6.87 फीसदी बढ़कर 1134.30 रुपए और एनएसई (कोड – BEML) में 6.80 फीसदी बढ़कर 1133.30 रुपए पर बंद हुआ है। अचानक इसमें वोल्यूम भी बढ़ गया है। शुक्रवार को बीएसई में इसके 1.12 लाख शेयरों का कारोबार हुआ, जबकि पिछले दो हफ्ते का औसत कारोबार 36,000 शेयरों का ही रहा है। एनएसई में भी शुक्रवार को इसके 6.34 लाख शेयरों के सौदे हुए जिसमें से 40.30 फीसदी शेयर डिवीलरी के लिए थे। इधर एक विदेशी ब्रोकरेज फर्म ने इस शेयर के दो-चार दिनों में ही 1259 रुपए तक जाने का लक्ष्य रखा है। कुछ और जानकार जल्दी ही इसके 1500 रुपए तक जाने का अनुमान लगा रहे हैं।
बीईएमएल ने वित्त वर्ष 2009-10 में 2975.65 करोड़ रुपए की आय पर 222.25 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है और 41.64 करोड़ रुपए की इक्विटी पर उसका प्रति शेयर लाभ (ईपीएस) 53.51 रुपए था। चालू वित्त वर्ष 2010-11 की जून तिमाही में उसकी आय 552.67 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 14.40 करोड़ रुपए रहा है। कंपनी का ठीक पिछले बारह महीनों (टीटीएम) का ईपीएस 55.70 रुपए है और उसका शेयर इस समय 20.37 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है, जबकि टाटा मोटर्स का पी/ई अनुपात 26 के ऊपर है। कंपनी की प्रति शेयर बुक वैल्यू 492.42 रुपए है।
यह अपनी तरह की अलग कंपनी है। कोयला, खनन, स्टील, लाइमस्टोन, बिजली, सिंचाई, कंसट्रक्शन, सड़क निर्माण, उड्डयन, रक्षा, मेट्रो और रेलवे के विभिन्न उत्पाद बनाती है। बड़े धरती धकेल किस्म के इसके वाहन होते हैं। कोलार गोल्ड फील्ड, मैसूर और बैंगलोर में इसकी उत्पादन इकाइयां हैं। इसकी रेल कोच फैक्टरी कोलार गोल्ड फील्ड में है। अच्छे प्रबंधन के लिए इसे गोल्डन पीकॉन इन्नोवेशन मैनेजमेंट अवार्ड मिल चुका है। जाहिर है कि इस कंपनी को कभी ऑर्डरों की किल्लत नहीं होनेवाली है। अभी सरकार की मिनी रत्न कंपनी है। कल को महारत्न भी बन सकती है। वैसे भी पब्लिक सेक्टर की कंपनी है तो आम पब्लिक के पास इसके शेयर होने ही चाहिए। इस समय पब्लिक के 45.97 फीसदी हिस्से में से एफआईआई के पास 13.52 फीसदी और डीआईआई के पास 23.56 फीसदी शेयर हैं। आम निवेशकों के पास इसके केवल 8.89 फीसदी शेयर ही हैं।
बाकी खास चर्चा यह है कि आज एचसीसी को लवासा प्रोजेक्ट से जुड़ी 15,000 एकड़ जमीन के लिए पर्यावरण की अंतिम मंजूरी मिल जाने की उम्मीद है। शुक्रवार को इसका शेयर बीएसई में 1.09 फीसदी की बढ़त लेकर 60.40 रुपए पर बंद हुआ है। इसके जल्दी ही 75 रुपए तक जाने की उम्मीद है। इसलिए घबराकर बेचे नहीं, इसमें बने रहें। यह कहीं से भी घाटा खाकर निकलनेवाला शेयर नहीं है।