किसानों को सस्ते ऋण के लिए सरकार बैंकों को देगी 4868 करोड़ रुपए

सरकार ने किसानों को रियायती ब्याज दर पर ऋण मुहैया कराने के लिए अपने खजाने से 4868 करोड़ रुपए निकालने का निर्णय लिया है। यह रकम सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और को-ऑपरेटिव बैंकों के साथ-साथ नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक) को भी दी जाएगी। नाबार्ड क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और को-ऑपरेटिव बैंकों को रीफाइनेंस करता है। यह निर्णय शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। मंत्रिमंडल के इस फैसले से यह भी साफ हो गया कि कृषि ऋण पर बेस रेट का नियम लागू नहीं होगा। बेस रेट किसी बैंक की वह ब्याज दर है जिससे कम पर वह किसी को ऋण नहीं दे सकता। यह प्रणाली 1 जुलाई 2010 से अपनाई गई है।

असल में सरकार 2006-07 से ही किसानों को तीन लाख रुपए तक के छोटी अवधि के फसली ऋण (क्रॉप लोन) 7 फीसदी की रियायती ब्याज दर पर मुहैया कराने का सिलसिला चला रही है। लेकिन बैंकों को इतने कम ब्याज पर कर्ज देने से परता नहीं पड़ता। वे अमूमन 9-10 फीसदी ब्याज पर कृषि ऋण देते हैं। 7 फीसदी ब्याज किसान चुकाते हैं। बाकी 2-3 फीसदी ब्याज सरकार देती है। इसे इंटरेस्ट सब्सिडी नहीं, इंटरेस्ट सब्वेंशन कहते हैं। इसी के तहत मंत्रिमंडल ने 4868 करोड़ रुपए जारी करने का फैसला किया है। चालू साल 2010-11 में सरकार समय पर कर्ज चुकानेवाले किसानों को 2 फीसदी अतिरिक्त ब्याज सहायता दे रही है। इसलिए ऐसे किसानों के लिए तो बैंक पर कर्ज की ब्याज दर 5 फीसदी ही बैठेगी।

सरकार की तरफ से जारी वक्तव्य में कहा गया है, ‘‘केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, सहकारी बैंकों और नाबार्ड को ब्याज सब्सिडी के रूप में 4868 करोड़ रुपए जारी करने को आज मंजूरी दे दी, ताकि किसानों को सात फीसदी सालाना की रियायती दर पर अल्पावधि फसल ऋण दिया जा सके।’’ सरकार की तरफ से दी जानी वाली दो फीसदी सब्सिडी यदि बैंकों को नहीं मिलती है तो बैंक किसानों को नौ फीसदी सालाना ब्याज की दर से ऋण देते।

बैंक कई सालों से कृषि ऋण का लक्ष्य पूरा करते रहे हैं। चालू वित्त वर्ष 2010-11 में कुल कृषि ऋण का लक्ष्य 3.75 लाख करोड़ रुपए रखा गया है। यह पिछले वर्ष 3.25 लाख करोड रुपए था।

1 Comment

  1. Coopartive jankari

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *