एचडीएफसी बैंक ने बेस रेट के मामले में देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) को भी होड़ देने की ठान ली है। उसने अपना बेस रेट 7.25 फीसदी तय किया है, जबकि एसबीआई ने मंगलवार को घोषित किया था कि इस तिमाही के लिए वह अपना बेस रेट 7.50 फीसदी रखेगा। निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक आईसीआईसीआई बैंक ने भी अपना बेस रेट एसबीआई के बराबर 7.50 फीसदी रखा है। बेस रेट वह न्यूनतम ब्याज दर जिस पर कोई बैंक किसी ग्राहक को उधार दे सकता है। हालांकि कृषि और निर्यात ऋण को इससे बाहर रखा गया है।
देश में अभी तक प्रचलित बीपीएलआर (बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट) का आज अंतिम दिन था और इसकी जगह बेस रेट की नई प्रणाली, गुरुवार 1 जुलाई से लागू हो रही है। इसलिए एक दिन पहले हर बैंक अपना-अपना बेस रेट घोषित करता रहा। मंगलवार को एसबीआई, पीएनबी, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और यूनियन बैंक ने बेस रेट की घोषणा की थी। बुधवार को इलाहाबाद बैंक, इंडियन बैंक और आईडीबीआई बैंक जैसे प्रमुख बैंकों ने 8 फीसदी बेस रेट रखने का एलान किया। आईसीआईसीआई बैंक में विलय को तैयार बैंक ऑफ राजस्थान ने भी अपना बेस रेट 8 फीसदी रखा है। लेकिन धनलक्ष्मी जैसे छोटे बैंक ने अपना बेस रेट केवल 7 फीसदी रखा है।
असल में बैंक अपनी जमा की लागत के आधार पर बेस रेट तय कर रहे हैं। लेकिन वे अलग-अलग मीयाद की जमा की ब्याज दर को मानक बनाकर चल रहे हैं। जैसे, एसबीआई और सेंट्रल बैंक ने छह महीने की एफडी पर दी जानेवाली ब्याज दर को आधार बनाया है तो पीएनबी, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक और बैंक ऑफ इंडिया ने तीन महीने की एफडी को मानक माना है। लेकिन सबसे ज्यादा फायदे की स्थिति में वे बैंक हैं जिनके पास बचत और चालू खातों (कासा) की जमा अधिक है।
इस समय एचडीएफसी बैंक की कासा जमा उसकी कुल जमाराशि का लगभग 52 फीसदी है जो किसी भी अन्य बैंक से ज्यादा है। एसबीआई की कासा जमा करीब 47 फीसदी है। कासा जमा ज्यादा होने से बैंक के लिए धन की लागत कम हो जाती है। इसीलिए एचडीएफसी बैंक अपना बेस रेट एसबीआई से भी कम रखने में कामयाब रहा है। व्यवहार में इसका मतलब यह होगा कि जहां एसबीआई किसी ग्राहक को 7.5 फीसदी से कम ब्याज पर ऋण नहीं दे सकता, वहीं वह ग्राहक चाहे तो 7.25 फीसदी ब्याज पर वही ऋण एचडीएफसी बैंक से ले सकता है। दूसरे शब्दों में जिस बैंक का बेस रेट कम होगा, उससे ज्यादा लोग ऋण लेंगे।
लेकिन व्यवहार में ठीक ऐसा नहीं होगा क्योंकि बैंक के नेटवर्क से लेकर ऋण की सर्विसिंग और उससे पुराना जुड़ाव भी काफी मायने रखता है। बता दें कि एचडीएफसी बैंक देश में निजी क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा बैंक है। उसके ऊपर आईसीआईसीआई बैंक और नीचे एक्सिस बैंक का नंबर आता है।