वन्यजीव संरक्षण को बढावा देने की योजना के तहत गुजरात सरकार ने लुप्तप्राय पक्षी सोनचिरैया को फलने-फूलने का माकूल माहौल देने के लिए कच्छ जिले में 1500 हेक्टेयर भूमि आवंटित की है। सोनचिरैया को अंग्रेजी में ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (जीआईबी) कहा जाता है।
राज्य सरकार ने ‘कच्छ ग्रेट इंडियन बस्टर्ड सैंक्चुअरी’ के नजदीक कच्छ के नालिया तालुका में दो वर्ग किलोमीटर में फैली भूमि आवंटित की है। इस लुप्तप्राय पक्षी के प्रजनन के लिए इस जगह को सर्वोत्तम माना जाता है। इस साल जून में इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) ने सोनचिरैया को ‘लुप्तप्राय’ श्रेणी में रखा है। इनके गायब हो जाने का बहुत ज्यादा खतरा है।
केंद्रीय पर्यावरण व वन मंत्रालय के मुताबिक इस पक्षी की संख्या में बहुत तेजी से गिरावट आ रही है और उक्त इलाके से करीब 90 फीसदी पक्षी विलुप्त हो चुके हैं। कच्छ के जिलाधिकारी एम थेनारसन ने समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट को बताया, ‘‘जीआईबी के संरक्षण के लिए हमने 1500 हेक्टेयर भूमि वन विभाग को आवंटित की है।’’ उन्होंने कहा कि वन विभाग के आग्रह के बाद इस भूमि का आवंटन किया गया है।