बहुराष्ट्रीय कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी शैम्पू का वो विज्ञापन आपको जरूर याद होगा कि जिसमें बच्चे के सिर से शैम्पू के झाग को नीचे बहते दिखाया गया है। लेकिन अमेरिकी शहर न्यूजर्सी में एक अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य गठबंधन व पर्यावरण समूह ने दावा किया है कि जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी शैम्पू में बच्चों के लिए नुकसानदेह समझे जानेवाले दो रसायन मौजूद हैं। फिर भी कंपनी इस शैम्पू को अमेरिका और कुछ अन्य देशों में बेधड़क बेच रही है। हालाकि कंपनी पहले ही इन रसायनों से रहित बेबी शैम्पू बना चुकी है।
यह गठबंधन उपभोक्ताओं से जॉनसन एंड जॉनसन द्वारा शिशुओं के लिए पेश किए गए उत्पादों का तब तक बहिष्कार करने की अपील कर रहा है, जब तक कंपनी अपने इन उत्पादों से ये रसायन हटाने के लिए राजी नहीं हो जाती। इस उत्पाद को चीन और ब्रिटेन सहित दुनिया भर में बेचा जा रहा है।
‘द कैम्पेन फॉर द सेफ कॉस्मेटिक्स’ नाम का यह संगठन दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थकेयर कंपनी से ढाई साल से अपील कर रहा है कि कैंसर की वजह बनने वाले डायोक्सेन और क्वेटेरेनियम नाम के रसायनों को शैम्पू से हटा लिया जाए। वहीं, जॉनसन एंड जॉनसन ने कहा कि वह इन रसायनों को घटा रही है या चरणबद्ध तरीके से हटा रही है।
कैम्पेन फॉर सेफ कॉस्मेटिक्स की निदेशक लीजा आर्चर ने बताया कि जॉनसन एंड जॉनसन पूरी दुनिया के बाजार के लिए सुरक्षित बेबी शैम्पू बना सकती है, लेकिन वह ऐसा नहीं कर रही है। इस अभियान की नई रिपोर्ट ‘बेबी टब अभी भी जहरीला है’ मंगलवार को जारी की गई है। यह रिपोर्ट 13 देशों में कंपनी के उत्पादों में मौजूद सामग्री की मात्रा की जाच पर आधारित है।
रिपोर्ट के मुताबिक, क्वेटेरेनियम को यूएस नेशनल टॉक्सीकोलॉजी प्रोग्राम ने कैंसर पैदा करने वाला रसायन बताया था। यह रसायन त्वचा, आख और श्वसन तंत्र के लिए भी नुकसानदेह है। वहीं, दूसरे रसायन डायोक्सेन को कैंसर पैदा करनेवाला माना जाता है।