देश की सबसे बड़ी कार-निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी के मानेसर संयंत्र में शुक्रवार शाम 4 बजे से मजदूर फिर से हड़ताल पर चले गए हैं। मजदूर यूनियन ने इसकी वजह कंपनी प्रबंधन की हठधर्मिता और वादाखिलाफी को बताया है। वहीं कंपनी प्रवक्ता ने इसका ज्यादा खुलासा नहीं किया। लेकिन इस बात की पुष्टि की कि मानेसर संयंत्र में उत्पादन पूरी तरह रोक दिया गया है।
बता दें कि पिछले हफ्ते शनिवार, 1 अक्टूबर को मारुति के प्रबंधन और कर्मचारियों के बीच समझौते के बाद 33 दिनों से चला आ रहा गतिरोध दूर हो गया था। समझौते के तहत कंपनी निलंबित किए गए 18 ट्रेनी कर्मचारियों को सशर्त वापस लेने के लिए तैयार हुई थी। लेकिन उसने 44 नियमित कर्मचारियों को काम पर वापस लेने से इनकार कर दिया था और इनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी थी।
आज शुक्रवार को भी मानेसर संयंत्र के अस्थायी कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया क्योंकि विवाद खत्म होने के बावजूद उन्हें काम पर वापस नहीं लिया गया है। बता दें कि 29 अगस्त को स्थाई कर्मचारियों ने कंपनी द्वारा अच्छे आचरण के बांड पर दस्तखत कराने का विरोध किया था और आंदोलन शुरू किया था। इसमें उनका समर्थन करने वाले अस्थायी कर्मचारियों को अब कंपनी काम पर वापस नहीं ले रही है। वह उन्हीं अस्थायी कर्मचारियों को काम पर वापस ले रही है, जिन्होंने आंदोलन के दौरान स्थायी कर्मचारियों का साथ नहीं दिया था।
बस इसी मामले ने शुक्रवार को तूल पकड़ लिया है और पूरे संयंत्र के कर्मचारी फिर से हड़ताल पर चले गए। इससे पहले कंपनी के प्रवक्ता ने कहा था, “हम धीरे-धीरे मानेसर कारखाने का उत्पादन बढ़ा रहे हैं। साथ ही ढाई लाख इकाई की क्षमता वाले मानेसर-बी संयंत्र में भी उत्पादन बढ़ाया जा रहा है। परिचालन के विस्तार में ज्यादातर ठेका श्रमिकों को काम पर लिया जाएगा।”
गौरतलब है कि कंपनी ने मानेसर के अपने दूसरे संयंत्र में दो सितंबर को आंशिक रूप से काम शुरू किया था। पहले कारखाने में उत्पादन को सामान्य करने की प्रक्रिया के बीच कंपनी ने दूसरे संयंत्र में उत्पादन शुरू किया था। लेकिन अब हड़ताल से कंपनी की सारी योजना ठप हो गई है। इससे पहले जून में भी कंपनी में 13 दिन की हड़ताल हुई थी जिसमें 12,600 कारों के उत्पादन का नुकसान हुआ था। मूल्य के हिसाब से यह 630 करोड़ रुपए बैठता है।
मारुति के मानेसर संयंत्र में स्विफ्ट, ए-स्टार, डिज़ायर व एसएक्स-4 कारें बनाई जाती हैं। सामान्य स्थितियों में प्रतिदिन वहां करीब 1200 कारें बनती हैं। मारुति ने बीते सितंबर माह में कुल 85,565 कारें बेंची हैं। उसको अब तक मजदूरों की हड़ताल के चलते करीब 22,000 कारों का नुकसान हो चुका है। इसके चलते पिछले महीने इसकी कारों की बिक्री 21 फीसदी घट गई। फिर भी मारुति प्रबंधन अपने अड़ियल रवैये पर डटा हुआ है और मजदूरों के साथ सामंजस्य बैठाने में पूरी तरह नाकाम है। बल्कि, उसमें इसकी इच्छा-शक्ति ही नहीं नजर आ रही है। वह दबाव से मजदूरों को मनवाना चाहता है, जबकि पढ़े-लिखे कुशल मजदूर दबने को तैयार नहीं है।
मारुति के मानेसर संयंत्र में नई हड़ताल की खबर शेयर बाजार बंद होने के बाद सामने आई। इसलिए उसके शेयरों पर इसका कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ा। मारुति सुजुकी के शेयर शुक्रवार को बीएसई में 2.59 फीसदी बढ़कर 1113.10 रुपए पर बंद हुए। बता दें कि कंपनी में जापान के सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन की 54.21 फीसदी हिस्सेदारी है। भारत सरकार इससे पूरी तरह बाहर निकल चुकी है।