केयर्न इंडिया ने बड़े सभ्य अंदाज में कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी ने संभवतः कृष्णा गोदावरी बेसिन के केजी डीडब्ल्यूएन-98:2 ब्लॉक में प्राकृतिक गैस भंडारों को बढा-चढाकर बताया है। दूसरे शब्दों में केयर्न इंडिया का आरोप है कि ओएनजीसी ने गैस भंडार के बारे में झूठ बोला था, हवाबाजी की थी। यह ब्लॉक रिलायंस इंडस्ट्रीज के केजी-डी6 ब्लॉक के पास ही है।
केयर्न इंडिया ने केजी डीडब्ल्यूएन-98:2 ब्लॉक में चार खोज की थीं और बाद में क्षेत्र की 90 फीसदी हिस्सेदारी 2005 में ओएनजीसी को बेच दी। सूत्रों के अनुसार कंपनी ने तेल नियामक डीजीएच (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ हाइड्रोकार्बन्स) को लिखा है कि ओएनजीसी कुल मिलाकर ब्लॉक के भंडार के बारे में बढा-चढाकर बोल रही है।
कंपनी का मानना है कि, “छोटे आकार और संभावित ऊंची विकास लागत के कारण इस ब्लाक के तेल व गैस भंडार न्यूनतम या गैर वाणिज्यिक हैं।” ओएनजीसी का अनुमान है कि इन ब्लॉक में 2.561 करोड़ टन तेल और 197 अरब घन मीटर प्राकृतिक गैस भंडार है। वह हर दिन तीन करोड़ घन मीटर गैस के उत्पादन के लिए 7.3 अरब डॉलर से अधिक के निवेश का प्रस्ताव कर रही है।
केयर्न की यह चेतावनी कि वहां कोई हाइड्रोकार्बन नहीं है, इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण मानी जा सकती है क्योंकि रिलायंस इंडस्ट्रीज के केजी-डी6 ब्लॉक से गैस उत्पादन घट रहा है। केयर्न ने कई तरह के सवाल उठाए हैं और दावा किया है कि ब्लॉक के लिए नवोन्मेषी उत्पादन प्रणाली डीजीएच और तेल मंत्रालय के साथ विचार विमर्श से तैयार होनी चाहिए।
बता दें कि वेदांता समूह केयर्न इंडिया के अधिग्रहण की पेशकश कर चुका है। ओएनजीसी की कुछ आपत्तियों के जरिए सरकार ने अभी तक इसे मंजूरी नहीं दी है। माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल इसी हफ्ते यह मंजूरी दे सकता है।