ट्रेडिंग की हड़बड़ी तो होएगी गड़बड़ी

बाजार पूरे लहरिया अंदाज में चला। सेंसेक्स हल्का-सा गिरा। निफ्टी हल्का-सा बढ़ा। यह फर्क है सेंसेक्स के 30 और निफ्टी के 50 का। इसलिए आवाजें उठ रही हैं कि कम से कम सेंसेक्स का आधार बढ़ा दिया जाए क्योंकि वो बाजार का सही प्रतिनिधित्व नहीं करता। सेंसेक्स में कम से कम 100 कंपनियां तो होनी चाहिए। खैर, फिलहाल बाजार में शोर है कि निफ्टी 4800 की तरफ जा रहा है। जब तक बिकवाली की लहर उतरती नहीं, तब तक कोई भी धारा के खिलाफ चलने को तैयार नहीं है।

खरीदनेवाले एक सिरे से गायब हैं तो मंदड़िये बहुत मामूली वोल्यूम के साथ भी भावों को तोड़े जा रहे हैं। उन्हें पता है कि फिजिकल सेटलमेंट न होने के चलते वे गिरावट के माहौल में महज 5 फीसदी वोल्यूम के साथ बाजार को तोड़ सकते हैं। वे यह भी जानते हैं कि किसी सकारात्मक ट्रिगर या खरीद के अभाव में उन्हें निचले स्तरों पर ही शॉर्ट कवरिंग के भरपूर मौके मिल जाएंगे।

हो सकता है कि यह सच हो या न हो। लेकिन कहते हैं कि इतिहास बार-बार अपने को दोहराता है। सारे बॉटम या न्यूनतम स्तर मंदड़िये बनाते हैं, तेजड़िये नहीं क्योंकि वे ही बाजार को तोड़ने की कोशिश करते हैं और जब भी निचले स्तरों पर फंसते हैं तो भारी कीमत चुकाते हैं। कल एक फंड मैनेजर ने मुझे मैसेज भेजा, “मैंने पिछले महीने आपकी सलाहों (कॉल्स) पर मजे में 6 लाख बना लिए थे। लेकिन ज्यादा उत्साह में आकर कुछ गलतियां कर बैठा और अब 3 लाख के नुकसान में हूं।” तो, हुजूर! यह बाजार है। यह धंधे के उत्तम ही नहीं, सर्वोत्तम लोगों तक को भी नहीं बख्शता। मंदड़िये भी इसके अपवाद नहीं हैं। जब तेजड़ियों को भारी कीमत चुकानी पड़ती है तो मंदडिये भी भारी कीमत चुकाएंगे, जिसका कारण होगा उनका आक्रामक रवैया।

इस वक्त क्या मंदड़िये कामयाब होंगे या तेजड़ियों की वापसी होगी, इसे खुद केवल वक्त ही बता सकता है। लेकिन इतना तय है कि निचले स्तर पर सुधारों की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। नौकरशाही में तब्दीली आ रही है। इससे आनेवाले सालों में निश्चित रूप से भ्रष्टाचार में कमी आएगी। अफसर अब खुलेआम घूस लेने से डरने लगे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि हो सकता है कि कोई स्टिंग ऑपरेशन कर रहा हो। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) और कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) निवेशकों व करदाताओं की छोटी शिकायतों पर भी कार्रवाई करने लगे हैं। यह सिलसिला जारी रहा तो हालात में मौलिक तब्दीली आ सकती है।

इस बीच मुझे लगता है कि जो फंड हाउस कई दिनों से बिकवाली पर आमादा है, वह अब भी बेचने का क्रम जारी रखेगा। बिकवाली का दौर खत्म होते ही खटाक से खरीदारी का दौर शुरू हो जाएगा क्योंकि बाजार का मूल्यांकन बड़ा आकर्षक हो गया है। वैसे, टाटा स्टील, हिंडाल्को, भारती एयरटेल और एसबीआई वगैरह में तो अब भी चुनिंदा खरीद चल ही रही है। इसलिए मेरा सुझाव है कि समय देखें, समय की धार देखें। ट्रेडिंग के लिए हड़बड़ी न करें। नहीं तो गड़बड़ी हो सकती है।

जब तक आप डरे हुए हैं, ज्ञान व विवेक की आंख नहीं खुल सकती। इसलिए विवेकवान बनने की पहली सीढ़ी है डर को जीतना, निडर बनना।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का फीस-वाला कॉलम है, जिसे हम यहां मुफ्त में पेश कर रहे हैं)

4 Comments

  1. Sir,
    This is not related to your current post, still i wanted to check your views on SURYACHAKRA POWER. I bought yesterday and today aswell, a total of 5000 shares with an average of 13Rs.

    will wait for your comments on this fall.

    Regards,
    Shishir

  2. शिशिर जी, आपने सूर्यचक्र पावर को सही भाव पर पकड़ा है। बहुत से लोग तो इसे हमारी सलाह के बाद 20-22 रुपए पर लेकर दुखी हैं। असल में इस पर मैने चक्री महोदय से बात की थी तो उनका कहना था कि इस कंपनी में परोक्ष रूप से राकेश झुनझुनवाला का निवेश है। वैसे भी, कंपनी अच्छी व संभावनामय है। लेकिन इसमें कम से कम तीन साल का नजरिया लेकर चलें।

  3. Dear sir,

    I have gillanders @rs106, camphor @rs199, wimplast @rs196. Should i hold in this bear market? Please give some comments. We will wait for your comments sir.

    Regards,
    Amit

  4. Anil Ji,
    Bahut bahut dhanyavaad. Ab mujhe koi chinta nahi hai. Yeh zaroor karunga ki har girawat par thoda thoda aur leta rahunga.

    …..
    Shishir

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