आर या पार है 5381 और 5556 पर

आखिरकार तेल की धार बह निकली। शुक्रवार को बाजार बंद होने के कई घंटे बाद केंद्र सरकार ने हिम्मत करके डीजल के दाम 3 रुपए प्रति लीटर, केरोसिन के दाम 2 रुपए प्रति लीटर और रसोई गैस का दाम 50 रुपए प्रति सिलेंडर बढ़ा दिया। साथ ही उसने कच्चे तेल पर कस्टम ड्यूटी एकदम हटा दी, पेट्रोलियम पदार्थों पर कस्टम ड्यूटी घटा दी और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी काफी कम कर दी। केंद्र सरकार को इससे 49,000 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान होगा। इसके बावजूद सरकारी तेल कंपनियों की अंडर-रिकवरी 1.22 लाख करोड़ रुपए बनी रहेगी। तेल कंपनियों पर दबाव थोड़ा कम, लेकिन सरकारी खजाने पर दबाव बढ़ने से राजकोषीय गणित के गड़बड़ा जाने का खतरा!!!

राजनीति के खिलाड़ियों ने तो महंगाई के नाम पर इस मुद्दे को आसमान पर उठा लिया है। बाजार के खिलाड़ी सोमवार को इसे कैसे लेते हैं, यह देखने की बात होगी। बीपीसीएल, एचपीसीएल, इंडियन ऑयल, ओएनजीसी और ऑयल इंडिया का सरकार के इस फैसले से सीधा ताल्लुक है। इसलिए इन पर खास नजर रखने की जरूरत है क्योंकि इनमें काफी हलचल रहेगी। लंबे समय के निवेश के लिए पेट्रोनेट एलएनजी को अब भी लिया जा सकता है, हालांकि पिछले एक साल में यह लगभग दोगुना हो चुका है। हमने 24 मई 2010 को पहली बार जब इसमें निवेश की सलाह दी थी, तब यह 83.20 रुपए पर था। अभी 24 जून 2011 को यह बीएसई में 143.40 रुपए पर बंद हुआ है।

बाजार की बात पर लौटें तो अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी की तरफ से लीबिया से सप्लाई में आई बाधा को दूर करने के लिए कच्चे तेल के भंडारों को जारी करने का फैसला अच्छा आधार बना चुका है। जल्दी ही कच्चे तेल के 88-90 डॉलर प्रति बैरल पर आ जाने का अनुमान है। ग्रीस का ऋण संकट भी समाधान की तरफ बढ़ चला है। ऐसे में जानकारों की मानें तो इस हफ्ते शुक्रवार की बढ़त का क्रम जारी रह सकता है। वैसे भी इस बार डेरिवेटिव सौदों के सेटलमेंट या एक्सपायरी का हफ्ता है। इसलिए उतार-चढ़ाव तो काफी रहेंगे ही।

निफ्टी फिलहाल 5471 पर है। जब तक यह 5381 से नीचे नहीं जाता, तब तक तेजड़ियों का पलड़ा भारी रहेगा। इसमें ऊपर का अवरोध स्तर 5486 से 5501 अंक पर है। पिछले हफ्ते तेजड़िए इसके एकदम करीब पहुंच जाने के बावजूद इसे तोड़ नहीं सके। लेकिन इस हफ्ते 5381 का स्तर कायम रहा तो निफ्टी 5567 या 5663 अंक तक जा सकता है। एक अन्य अनुमान इसके 5556 पर पहुंचने का है।

दूसरी तरफ निफ्टी अगर 5285 से नीचे लगा गया तो वह सीधे 5099 पर ही जाकर रुकेगा। फिर भी बाजार के 5521 तक पहुंचने तक तेजड़ियों की स्थिति हल्की-सी मजबूत दिख रही है। ऐसे में जानकारों का कहना है कि बाजार के सारे पहलुओ को देखते हुए समझदारी की रणनीति यही होगी कि बढ़ने की सूरत में अपनी लांग पोजिशन काट ली जाए। अगली गिरावट में नई तलहटी बन जाए तो उस पर फिर खरीद या लांग पोजिशन बना लेनी चाहिए। अगर हम ऐसा करते हैं तो आनेवाले हफ्तों में निफ्टी को मजे से 5658 का स्तर भेदते हुए देख सकते हैं। यह कहना है टेक्निकल एनालिस्टों का।

नए हफ्ते का रुझान यही दिखता है कि जहां तेजड़िए निचले स्तर पर 5362 अंक को बचाने की कोशिश करेंगे, वहीं मंदड़िए इसे हर हाल में तोड़ने की जुगत भिड़ाएंगे। फिर भी बाजार बढ़ गया तो मंदड़िये पूरा जोर लगा देंगे कि निफ्टी 5575 का स्तर तोड़कर ऊपर न जा सके।

2 Comments

  1. Please give targets for petronet LNG and IGL in long terms. Should we invest in dcb or prime focus for long term. Sir please share your comments.

  2. what about the price target of spice jet for two years holing period?

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