बारहवीं पंचवर्षीय योजना में स्वास्थ्य क्षेत्र पर जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के 1.8 फीसदी के बजाय 2.5 फीसदी खर्च किया जाएगा। यह कहना है कि योजना आयोग की सदस्य सईदा हमीद का। गुरुवार को दिल्ली के नजदीक सूरजकुंड में अंतरराष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के अवसर पर अपने संबोधन में श्रीमती हमीद ने कहा कि यह एक लम्बी छलांग होगी।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय प्रतिरक्षण कार्यक्रम को और मजबूत बनाने की दिशा में समाज और लोगों में इसका लाभ उठाने के लिए विश्वास जगाना है। अधिकतम लाभ लेने के लिए वर्ष दर वर्ष की उपलब्धियों को दर्ज किया जाता है। उनका कहना था कि योजना आयोग इस बात पर जोर देगा कि जो कुछ भी व्यय किया जा रहा है उसका वाजिब परिणाम निकले।
हरिद्वार जिले के भगवानपुरा गांव और मालेगांव के अपने दौरे का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि उद्योगों से घिरे इन गांवों के लोग बहुत गरीब हैं। बीमारी के बावजूद वे लोग सरकारी अस्पतालों में नहीं जाते क्योंकि उन्हें दवाइयों पर विश्वास नहीं है। स्वास्थ्य स्थिति बेहद खराब होने के बावजूद महिलाएं इन सुविधाओं को लेने से इनकार करती हैं।
श्रीमती सईदा हमीद ने सुझाव दिया कि दूरगामी कार्यक्रमों के लिए स्थानीय पुलिस, आंगनवाडी कार्यकर्ताओं और विभिन्न धर्मों के प्रमुखों से बातचीत के द्वारा लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।