शुक्रवार को शेयर बाजार में मिड कैप व स्मॉल कैप कंपनियों को तगड़ा झटका लगा। यूं तो सेंसेक्स व निफ्टी में क्रमशः 0.55 फीसदी और 0.59 फीसदी की ही गिरावट आई है, लेकिन 137 मिड व स्मॉल कैप कंपनियों के शेयर अब तक के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गए, जबकि 343 कंपनियों पर निचला सर्किट ब्रेकर लगा। अगर ये सर्किट ब्रेकर न होते तो न जाने उनमें कितनी गिरावट आ जाती।
बाजार के कारोबारियों का कहना है कि एक तो डॉलर की विनिमय दर 51 रुपए से बढ़ जाने से विदेशी उधार महंगा हो गया है, दूसरे जिन प्रवर्तकों ने अपने शेयर गिरवी रखे हैं, उनको बाजार गिरने से तगड़ी चोट लगी है। स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक बीएसई में 343 कंपनियां शुक्रवार को निचले सर्किट से टकराई हैं।
जिन कंपनियों के शेयर अब तक के न्यूनतम स्तर पर पहुंचे हैं, उनमें सरकारी कंपनी एमटीएनएल और निजी कंपनियां पुंज लॉयड व जीएमआर इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। एमटीएनएस 4.54 फीसदी गिरकर 25.20 रुपए पर पहुंच गया तो पुंज लॉयड 5.96 फीसदी गिरकर 45.75 रुपए और जीएमआर इंफ्रा 3.87 फीसदी गिरकर 19.85 रुपए पर। ज्यादातर चपत मिड कैप व स्मॉल कैप कंपनियों को लगी है।
ऐतिहासिक गिरावट की शिकार कंपनियों में एनडीटीवी, बारट्रॉनिक्स, नेटवर्क18 मीडिया, इंडिया बुल्स रीयल एस्टेट, इंडिया बुल्स पावर व सरकारी कंपनी मॉयल शामिल हैं। निचले सर्किट तक गई कंपनियों में पार्श्वनाथ डेवलपर्स, पिपावाव डिफेंस, एमवीएल, एसकेएस माइक्रोफाइनेंस, एडसर्व व क्वालिटी डेयरी शामिल हैं।
बाजार में छाई बेचैनी म्यूचुअल फंडों की इक्विटी स्कीमों को भी चोट पहुंचा रही है। अक्टूबर में इक्विटी फंडों की कुल बिक्री मात्र 3591 करोड़ रुपए रही है जो पिछले ढाई सालों का न्यूनतम स्तर है। म्यूचुअल फंडों के शीर्ष मंच एम्फी के आंकड़ों के अनुसार साल भर पहले की तुलना में इक्विटी फंडों की बिक्री में 28.4 फीसदी की गिरावट आई है और यह अप्रैल 2009 के बाद का सबसे कम आंकड़ा है। यूटीआई म्यूचुअल फंड के सीएमओ (चीफ मार्केटिंग अफसर) जयदीप भट्टाचार्य का कहना है कि रिटेल निवेशक इस समय बेहद शंकालु व भ्रमित हो गए हैं और बाजार से स्पष्ट दिशा का संकेत मिलने का इंतजार कर रहे हैं।