नए वित्त वर्ष 2010-11 का पहला दिन बैंकों में अपना पैसा बचत खाते में रखनेवाले करोड़ों आम लोगों के लिए शानदार तोहफा लेकर आया है। इस खाते पर ब्याज की दर तो पहले की तरह 3.5 फीसदी सालाना ही है। लेकिन अब इसे हर दिन के बैलेंस पर गिना जाएगा, जबकि अभी तक बैंक महीने की 10 तारीख और आखिरी तारीख तक खाते में सबसे कम बैलेंस राशि पर ब्याज देते रहे हैं। इसलिए पहले जहां बचत खाते पर औसतन 2.5 से 2.9 फीसदी ब्याज मिल पाता था, वहीं सचमुच का 3.5 फीसदी ब्याज मिलेगा।
इससे बैंकों पर ब्याज का बोझ बढ़ जाएगा। एक गणना के मुताबिक कैनरा बैंक को साल भर में अब 400 करोड़ रुपए और ओरिएंयल बैंक ऑफ कॉमर्स को 80-100 करोड़ रुपए अधिक ब्याज देना पड़ेगा। जाहिरा तौर पर इसका सबसे ज्यादा असर देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई पर पड़ेगा जिसकी कुल जमाराशि में बचत व चालू खाते (कासा) का हिस्सा 43 फीसदी के आसपास है। इसके अलावा आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक पर भी इसका काफी असर पड़ेगा क्योंकि इनके पास सैलरी खातों की संख्या अच्छी-खासी है। असल में निजी क्षेत्र के इन तीन शीर्ष बैंकों ने कई कंपनियों से करार कर रखा है जिसके तहत इन कंपनियों के सभी कर्मचारियों के खाते इन बैंकों के पास हैं और उनका वेतन हर महीने इन खातों में सीधे जमा हो जाता है।
एक खास बात और है कि जहां एफडी से साल भर में मिली 10,000 रुपए से ज्यादा की ब्याज पर 10 फीसदी टैक्स कटता है, वहीं बचत खाते से मिले इतने ही ब्याज पर कोई टैक्स नहीं कटेगा। हालांकि बचत खाते से मिले ब्याज को ग्राहक की कुल आय में जोड़कर टैक्स पहले की तरह लगता रहेगा। टीडीएस से बचने के चक्कर के कारण कहा जा रहा है कि अब अमीर खाताधारी (एचएनआई) भी छोटी अवधि की एफडी या मनी मार्केट फंडों के बजाय बचत खाते में अधिक रकम रखेंगे। वैसे भी छोटी अवधि की जमा पर ब्याज की दर 2.5 से 2.75 फीसदी है जो बचत खाते की ब्याज दर 3.5 फीसदी से कम है।
यही वजह है कि बैंक नए नियम से बहुत ज्यादा परेशान नहीं हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि अब उनके पास बचत खातों में पहले से ज्यादा रकम जमा होगी। इसके चलते उनके कुल फंड की लागत घट सकती है। बैंक पहले नए नियम को लागू करने से बचने के लिए तकनीकी समस्या का बहाना दे रहे थे। लेकिन अब बचत खाते की रकम पर हर दिन ब्याज की गणना का इंतजाम कर लिया गया है। वैसे, बैंक पहले की तरह की हर छह महीने पर इस ब्याज को ग्राहक के बचत खाते में क्रेडिट करेंगे।