अपनी अंतर्निहित शक्ति और संभावनाओं की बदौलत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती भारत की अर्थव्यवस्था मोदी सरकार की नीतियों के चलते इस समय दो पाटों के बीच फंसती नज़र आ रही है। सपना है कि दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका भारत साल भर में चौथी और तीन साल में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। मगर दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने ही इस विकासयात्रा में फच्चर फंसा दिया है। सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत की अर्थव्यवस्था को मृत घोषित कर दिया है और व्यापार वार्ताओं को धता बताते हुए भारत के आयात पर 25% टैरिफ का ऐलान कर दिया। यही नहीं, ट्रम्प ने रूस से हथियार व कच्चा तेल आयात करने के चलते इस टैरिफ के ऊपर पेनाल्टी लगाने की बात कही है। वहीं, दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन ने भारत को रेयर अर्थ खनिजों और उर्वरकों को निर्यात पर बंदिश लगा दी है। साथ ही भारत में एप्पल के आईफोन बना रही ताइवानी कंपनी फॉक्सकॉन के संयंत्रों में काम रहे अपने इंजीनियरों व टेक्निशियंस को वापस बुला लिया है। फॉक्सकॉन के इन्हीं संयंत्रों की बदौलत भारत अमेरिका को आईफोन का सबसे बड़ा निर्यातक बना हुआ है। ऐसे में चीन के माल की असेम्बलिंग पर टिकी भारत की मैन्यूफैक्चरिंग संकट में फंसती दिख रही है। अब सोमवार का व्योम…
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