विश्व बैंक ने तीन भारतीय कंपनियों और एक कारोबारी पर बंदिश लगा दी है कि वे भारत में उसकी परियोजना में भाग नहीं ले सकते। उसका कहना है कि इन कंपनियों और उस शख्स से उसके साथ कामकाज करते हुए धोखाधड़ी की है। ये तीन कंपनियां हैं – बीएसई में लिस्टेड अंबालाल साराभाई एंटरप्राइसेज, मुंबई की केमितो टेक्नोलॉजीज और नई दिल्ली की ग्लोबल स्पिन वीव लिमिटेड। साथ ही ग्लोबल स्पिन वीव के निदेशक सुधीर अग्रवाल पर अलग से प्रतिबंध लगाया गया है। ये सभी भारत में विश्व बैंक की सहायता या उसकी तरफ से लागू की जा रही किसी भी परियोजना में शिरकत नहीं कर सकते।
विश्व बैंक ने यह कदम पूरी जांच के बाद उठाया है। अंबालाल साराभाई और केमितो टेक को खाद्य और दवाओं की परियोजनाओं में धोखाधड़ी का दोषी पाया गया है। ये अगले तीन साल तक विश्व बैंक की किसी भी परियोजना में भाग नहीं ले सकती। प्रतिबंध 20 सितंबर 2010 से शुरू हुआ है।
ग्लोबल स्पिन और उनके निदेशक सुधीर अग्रवाल को विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित बाल स्वास्थ्य, एचआईवी नियंत्रण और मलेरिया नियंत्रण के कार्यक्रमों में धोखाधड़ी करने का दोषी पाया गया है। ग्लोबल स्पिन अगले तीन सालों और सुधीर अग्रवाल पर अगले पांच सालों के लिए प्रतिबंध लगाया गया है।
बता दें कि विश्व बैंक ने जनवरी 2010 में वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज को अपने साथ किसी भी तरह का व्यवसाय करने के लिए अगले तीन सालों तक रोक दिया है। जनवरी 2009 में उसे सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज, विप्रो टेक्नोलॉजीज और मेगासॉफ्ट कंसल्टेंट्स पर इसी तरह की बंदिश लगाई थी।