रहिमन विपदा हू भली जो थोड़े दिन होय, हित अनहित या जगत में जान परत सब कोय। साढ़े तीन महीने पहले 2 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जवाबी टैरिफ का जो हमला बोला, उसके बाद से साफ हो गया कि मोदी सरकार बाहर राष्ट्रीय हितों की कैसी हिफाजत करती है और भीतर किनके हितों के लिए कांम कर रही है। चीन जैसा अमेरिका का पक्का प्रतिस्पर्धी झुकने के लिए बजाय लड़ता रहा तो वो अपने निर्यात पर लगा टैरिफ 145% से घटाकर 35% पर लाने में सफल रहा। वहीं, मोदी सरकार लगातार मिमियाती रही तो ट्रम्प ने भारत पर दुनिया का सबसे ज्यादा 50% टैरिफ लगा दिया। सवाल उठता है कि इसके सामने मोदी सरकार किनके हितों की रक्षा कर रही है? क्या वो सूरत के लाखों हीरा कारीगरों व व्यापारियों के साथ खड़ी है? क्या वो तमिलनाडु में तिरुपुर के परिधान निर्यातकों को सहारा देगी? क्या वो आंध्र प्रदेश और ओडिशा के श्रिम्प निर्यातकों का धंधा बचाएगी? कुछ करने के बजाय प्रधानमंत्री लालकिले के प्राचीर से देशवासियों को दस साल में सुदर्शन चक्र का सुरक्षा कवच देने की बात कर रहे हैं। लेकिन इस हवाबाज़ी से यह सच नहीं छिप सकता कि उनकी सरकार 15 खरबपतियों के लिए काम करती है। यह आरोप ट्रम्प से जुड़े रहे वार्ताकार और अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइज़र ने लगाया है। अब सोमवार का व्योम…
यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...
