अमेरिका में अप्रैल 2020 में कोविड का प्रकोप शुरू होने के समय से वहां का केंद्रीय बैंक, फेडरल रिजर्व बॉन्ड खरीदकर सिस्टम में डॉलर झोंक रहा है। नतीजतन, उसकी बैलेंस शीट 12 जनवरी 2022 तक 8788.30 अरब डॉलर की हो चुकी थी। इसमें 1425 अरब डॉलर का इजाफा बीते साल 2021 में हुआ है। फेड सरकारी बॉन्ड, बंधक रखी प्रतिभूतियों से जुड़े बॉन्ड और कॉरपोरेट बॉन्ड खरीदकर सिस्टम में डॉलर डालता है। इससे वित्तीय बाज़ार में नकदी बढ़ जाती है जिससे बॉन्ड व शेयरों के भाव बढ़ जाते हैं। चूंकि अमेरिकी अर्थव्यवस्था पटरी पर आ गई है, बेरोजगारी के दावे काफी घट चुके हैं और कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट का कोई खास नुकसान नहीं है तो वह टैपरिंग या बॉन्ड बेचकर सिस्टम से धन निकालने की तैयारी में है। अब मंगल की दृष्टि…
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