वित्तीय बाज़ार की ट्रेडिंग हर किसी के लिए नहीं है। इसकी एक नहीं, अनेक वजहें हैं। जब इन सारी वजहों की काट पैदा कर लें, तभी जाकर ट्रेडिंग में उतरे। फिर भी मानकर चलें कि अपनी कांटछांट का सिलसिला बराबर जारी रहेगा। दरअसल, ट्रेडिंग एक आईना है जिसमें हमारी हर भावनात्मक कमज़ोरी झलक कर सामने आ जाती है। सच कहें तो वो हमारे स्थितिप्रज्ञ बनने की छोटी नहीं, बल्कि मैराथन दौड़ है। अब परखें सोम का व्योम…
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