डेरिवेटिव सौदों का सच यह है कि हमारा शेयर बाज़ार अक्टूबर 2021 में जब शिखर पर था, तब निफ्टी फ्यूचर्स की लॉन्ग पोजिशन को कोई जून माह तक रोलओवर करे तो बाज़ार 20% से भी ज्यादा गिर चुका है। हालत यह है कि निफ्टी के स्पॉट या कैश सेगमेंट के भाव से जुलाई का निफ्टी फ्यूचर्स मात्र 0.14%, अगस्त का निफ्टी फ्यूचर्स मात्र 0.34% और सितंबर का निफ्टी फ्यूचर्स मात्र 0.62% ऊपर या प्रीमियम पर है। यह ट्रेडरों में छाई निराशा को दिखाता है। जब ट्रेडर ही इतने हताश-निराश हैं और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक लगातार भागे जा रहे हैं तो बाज़ार में मंदी के खत्म होने और तेज़ी के लौटने की उम्मीद कैसे की जा सकती है। फिर क्या बाजार आगे और ज्यादा गिर सकता है? अब बुधवार की बुद्धि…
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