यह हफ्ता खबरों और उम्मीदों का है। वित्त वर्ष 2016-17 की पहली मौद्रिक नीति मंगलवार को आएगी। पांच राज्यों के चुनाव शुरू हो रहे हैं। इसलिए हम खबरों तक सीमित रहेंगे। लेकिन बड़े से लेकर छोटे शहरों तक आम ट्रेडरों में फैली यह धारणा तोड़नी ज़रूरी है कि कोई दूसरा उन्हें कमाकर दे सकता है। लोगबाग अक्सर पूछते हैं कि इंट्रा-डे में कितना कमाकर दे सकते हो? इस सोच में बुनियादी खोट है। अब सोमवार का व्योम…
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