मत भूलें कि शेयर बाज़ार किसी का धंधा है। बीएसई, एनएसई, एनएसडीएल, सीडीएसएल, ब्रोकरेज़ हाउस। यहां तक कि हमारे हर सौदे पर पूंजी बाज़ार नियामक सेबी का आधिकारिक कट और केंद्र सरकार का टैक्स होता है। हम यहां सौदा करते हैं तो इन सबका धंधा चलता है। ऐसा धंधा जिसमें नुकसान नहीं, फायदा ही फायदा है। फिजिक्स में हम पढ़ते हैं कि सौ सीढ़ी चढ़े और सौ सीढ़ी उतर गए तो कुल मिलाकर किया गया कार्य शून्य हो जाता है। लेकिन शेयर बाज़ार में आपने सौ शेयर खरीदे और सौ शेयर बेच डाले तो कुल वोल्यूम हो गया दो सौ शेयरों का और आपको इन दो सौ शेयरों पर शुल्क व ब्रोकरेज़ वगैरह देना पड़ेगा। आपने जिससे खरीदा और जिसको बेचा, उसको भी बराबर शुल्क व ब्रोकरेज़ देना पड़ेगा। अगले दिन देखिए तो जितने का शेयर बेचा था, उतना धन आपके खाते में नहीं आता। साथ ही जितने का खरीदा था, उससे ज्यादा रकम खाते से कट जाती है। ट्रेडरों और निवेशकों की सक्रियता जिनका धंधा है, उन्हें पहचानें। अब सोमवार का व्योम…
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'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
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