अक्सर मुझे लगता है कि किसी खास शेयर को खरीदने या बेचने की सलाह महज एक उकसावा भर होती है ताकि लोगों की दिलचस्पी बनी रहे और बाजार की खटर-पटर चलती रही। अनुमानों के पीछे कितना भी गणित गिनाया जाए, कुछ न कुछ पहलू छूट ही जाते हैं जिससे तीर निशाने पर नहीं लगता। जैसे साल भर पहले आज ही के दिन हमने फीनिक्स मिल्स पर एचडीएफसी सिक्यूरिटीज की रिसर्च रिपोर्ट के हवाले बताया था कि, “यह साल भर के भीतर 312 रुपए तक जा सकता है।” तब यह 242 रुपए के आसपाच रहा था। उसके पांच दिन बाद 9 नवंबर 2010 को यह 251 रुपए तक चला गया। लेकिन 312 रुपए का स्तर कभी नहीं आया। बल्कि इस दौरान 14 मार्च 2011 को 160 रुपए तक नीचे चला गया। इसलिए कभी-कभी लगता है कि आम निवेशक के लिए शेयर बाजार से कमाई के लिए ट्रेडिंग ही सबसे बड़ी सही रास्ता है और लांग टर्म के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए। पिछले डेढ़ साल का अनुभव तो यही कहता है।
खैर, आज भी हम एचडीएफसी सिक्यूरिटीज की ही चुनी रीयल एस्टेट क्षेत्र की एक और कंपनी पेश कर रहे हैं। अशोक पिरामल समूह की कंपनी पेनिन्सुला लैंड। शायद आपको याद होगा कि इस कंपनी ने पिछले ही महीने 5 अक्टूबर को मुंबई के पॉश इलाके ब्रीच कैंडी में एचएसबीसी व स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक की पांच मंजिला बिल्डिंग – बिशपगेट 272 करोड़ रुपए में खरीदी है। कंपनी का मानना है कि उसे यहां 60,000 वर्गफुट बिक्रीयोग्य क्षेत्रफल मिल जाएगा, जिसे वह 80,000 रुपए प्रति वर्गफुट के भाव पर बेचकर करीब 480 करोड़ रुपए कमा लेगी। 272 करोड़ लगाकर 480 करोड़ की कमाई। लेकिन फ्लैट बनाने की लागत?
असल में पिछले 18 महीने के दौरान पेनिन्सुला लैंड जमीन खरीदने में लगी रही और अब काफी लैंड बैंक जुटा चुकी है। इस चक्कर में उस पर कर्ज का बोझ 174 करोड़ रुपए से बढ़कर 737 करोड़ रुपए हो गया है। हालांकि इसके बावजूद उसका ऋण/इक्विटी अनुपात 0.47 का ही है। लेकिन एचडीएफसी सिक्यूरिटीज का कहना है कि कंपनी जिस तरह नए प्रोजेक्ट ला रही है, उससे देखते हुए साल-छह महीने में ऋण का बोझ बढ़ सकता है।
आगे बढ़ने से पहले बता दें कि ठीक साल भर पहले 4 नवंबर 2010 को पेनिन्सुला लैंड का दो रुपए अंकित मूल्य का शेयर 70 रुपए की चोटी पर था, जबकि पिछले महीने 18 अक्टूबर 2011 को 40 रुपए की घाटी तक जा गिरा। फिलहाल कल, 3 नवंबर को बीएसई (कोड – 503031) में 41.15 रुपए और एनएसई (कोड – PENINLAND) में 41 रुपए पर बंद हुआ है। एचडीएफसी सिक्यूरिटीज का कहना है कि यह साल भर में 47 रुपए तक जा सकता है। यानी, करीब 15 फीसदी बढ़त की गुंजाइश है इसमें। ब्रोकरेज फर्म का अनुमान पहले इसके 58 रुपए तक पहुंचने का था। लेकिन अब उसने घटा दिया है।
आपको बता दें कि बाकी रीयल एस्टेट कंपनियों की तरह पिछले पांच सालों में पेनिन्सुला लैंड का शेयर भी काफी पिटा है। दिसंबर 2007 में यह 167.60 रुपए पर था। सितंबर 2009 में 100.90 रुपए पर था। फिर अक्टूबर 2011 में 40 रुपए पर आ गया। सितंबर 2011 की तिमाही में उसके नतीजे बेहद खराब रहे हैं। आय 59.64 फीसदी घटकर 49.50 करोड़ रुपए पर आ गई है, जबकि शुद्ध लाभ 78.56 फीसदी घटकर 13.67 करोड़ रुपए पर आ गया है। कंपनी का ठीक पिछले बारह महीनों (टीटीएम) का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) फिलहाल 4.94 रुपए है और इसका शेयर 41.15 रुपए के भाव पर 8.33 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। शेयर की बुक वैल्यू 38.21 रुपए है।
एचडीएफसी सिक्यूरिटीज का कहना है कि सितंबर तिमाही में कंपनी ने कोई नए प्रोजेक्ट नहीं पेश किए। कमाई का 52 फीसदी हिस्सा तो मुंबई में लोअर परेल के पेनिन्सुला बिजनेस पार्क से ही आया। लेकिन अगले तीन से छह महीनों में वह पुणे, मुंबई, हैदराबाद, लोनावाला व बैंगलोर की पांच मौजूदा साइटों पर नए आवासीय प्रोजेक्ट लाने जा रही है। कंपनी के पास इनवेंटरी या अनबिकी प्रॉपर्टी बहुत कम हैं। इसलिए इसमें कोई बहुत क्लेश नहीं है। नए प्रोजेक्ट चल निकले तो कंपनी बढ़ निकलेगी। हो सकता है कि दिसंबर से ब्याज दरों में बढ़त का सिलसिला रुकने से इस स्टॉक को अच्छा आवेग मिले।
एचडीएफसी सिक्यूरिटीज का आकलन अपनी जगह। हमारा मानना है कि इस स्टॉक को दो महीने के लिए लिया जा सकता है और बहुत मुमकिन है कि यह दिसंबर अंत तक 46 रुपए तक पहुंच जाए। यानी एक-दो महीने में 10-11 फीसदी का रिटर्न। लेकिन यह सिर्फ कयास है, इसके पीछे कोई गणना नहीं है। इसलिए अपना हिसाब-किताब लगा लीजिएगा। हां, एक आकलन जरूर है कि अगले साल से रीयल एस्टेट सेक्टर का चक्र वापस पटरी पर आ सकता है।
पेनिन्सुला लैंड की कुल इक्विटी 55.84 करोड़ रुपए है। इसका 44.28 फीसदी हिस्सा पब्लिक के पास है जिसमें से सितंबर अंत तक एफआईआई के पास 20.20 फीसदी और डीआईआई के पास 4.72 फीसदी शेयर थे। इसमें अंतरराष्ट्रीय टेम्प्लेटन ग्रुप ने काफी निवेश कर रखा है। फ्रैंकलिन टेम्प्लेटन इनवेस्टमेंट फंड के पास इसके 10 फीसदी और टेम्प्लेटन एमर्जिंग मार्केट्स इनवेस्टमेंट ट्रस्ट के पास 4.36 फीसदी शेयर थे। अब टेम्प्लेटन एमर्जिंग मार्केट्स ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 5.03 फीसदी कर दी है। उसने कंपनी के 2.39 लाख शेयर तो इसी हफ्ते मंगलवार, 1 नवंबर को बाजार से खरीदे हैं। लेकिन इतनी खरीद ने शेयर को झटका नहीं दिया है। कंपनी के कुल शेयरधारकों की संख्या 52,385 है जिसमें से 50,919 (97.20 फीसदी) छोटे निवेशकों के पास उसके 8.22 फीसदी शेयर हैं।