कल क्या हुआ, यह हम सभी जानते हैं। लेकिन कल क्या होगा, यह कोई नहीं जानता। कल अच्छा भी हो सकता है, सामान्य भी और बुरा भी। एक अकेले व्यक्ति का इस पर कोई वश नहीं। हां, सामूहिक रूप से जरूर इसे कुछ हद तक बांधा जा सकता है।और भीऔर भी

समय और अनिश्चितता, दो ऐसी चीजें हैं जिनसे हर इंसान का साबका सड़क पार करने से लेकर भावी योजना और निवेश तक के तमाम छोटे-बड़े फैसलों तक में पड़ता है। जिस किसी ने भी इन्हें साध लिया, उसकी ज़िंदगी आसान हो जाती है।और भीऔर भी

ऐसी चिंता का क्या फायदा जो किसी समाधान तक आपको न पहुंचा सके? जो आपको भंवरजाल में फंसाकर अनागत के भय के दलदल में डाल दे, वैसी चिंता को ठोकर मारकर आगे निकल जाना चाहिए।और भीऔर भी

निष्काम भाव से कर्म दो ही तरह के लोग कर सकते हैं। एक, जिनका वर्तमान व भविष्य दोनों सुरक्षित हो और दो, जिनका वर्तमान व भविष्य इतना असुरक्षित हो कि उनके पास कोई चारा ही न बचा हो।और भीऔर भी

जीवन में एक ही चीज निश्चित है। वो है मौत। बाकी सब कुछ अनिश्चित है। ऐसे में भविष्य से घबराने की क्या जरूरत! क्योंकि इन अनिश्चितताओं को नाथकर अपना भविष्य तो हम खुद ही बना सकते हैं।और भीऔर भी

टेक्निकल एनालिसिस व चार्ट वाले इस समय खुश तो बहुत होंगे क्योंकि वे लंबे अरसे से निफ्टी के 4800 से नीचे जाने की भविष्यवाणी किए पड़े थे और ऐसा हो चुका है। अब इसके 4500 ही नहीं, 4200 तक गिरने की बात कही जा रही है। इधर आप में कुछ लोगों ने हिंदी में टेक्निकल एनालिसिस सिखाना शुरू करने की सलाह दी है। लेकिन टेक्निकल एनालिसिस क्या कोई विज्ञान है, विज्ञान व आस्था का मिलेजुले रूप ज्योतिषऔरऔर भी

बाजार अब सीधे मंगलवार को खुलेगा। अनिश्चितता का आलम है। ट्रेडरों ने ज्यादातर सौदे शुक्रवार को ही काट लिये क्योंकि उन्हें डर है कि मंगलवार को जब बाजार खुलेगा, तब तक अमेरिका व यूरोप के संकट का कोई नया पेंच न सामने आ जाए। सब कुछ शॉर्ट टर्म हो गया है। खबरों पर बाजार और अलग-अलग स्टॉक्स की गति निर्भर है। लेकिन शेयर बाजार सबसे बड़ा पेंच यह है कि अक्सर खबर के सार्वजनिक होने तक उसका असरऔरऔर भी