अमेरिकी बाज़ार भयंकर रिस्क के मुहाने पर खड़ा है। यह रिस्क फटा तो भारत समेत दुनिया भर के बाज़ार टूट सकते हैं। वैश्विक विश्लेषक डग शॉर्ट के अध्ययन के मुताबिक अमेरिकी शेयर सूचकांक को मुद्रास्फीति से समायोजित कर 140 सालों की ट्रेंड लाइन खीचें तो बाज़ार अभी उस रेखा से करीब 86% ऊपर है। 1929 की महामंदी से ठीक पहले यह 81% ऊपर था। ऐसे में सीखनी होगी अफरातफरी में कमाने की कला। अब शुक्र का वार…औरऔर भी

खबरों के आधार पर ट्रेडिंग कभी न करें क्योंकि अगर आपको खबर कंपनी के अंदरूनी सूत्रों से मिली है तो आप और आपके सूत्र को कभी भी इनसाइडर ट्रेडिंग के अपराध में भारी जुर्माना और जेल की सज़ा झेलनी पड़ सकती है। अगर खबर बाहर से मिली है तो 99.99% तय मानिए कि वो अफवाह है। अगर ऐसा न भी हो तो आप तक पहुंचते-पहुंचते शेयरों पर उसका असर हो चुका होता है। अब आज की खासऔरऔर भी

रिजर्व बैंक ने निजी कंपनियों या उद्योग समूहों को बैंक खोलने की इजाजत देने की तैयारी कर ली है। लेकिन अगर किसी भी कंपनी या समूह की आय या आस्तियों का 10 फीसदी या इससे ज्यादा हिस्सा रीयल एस्टेट या ब्रोकिंग के धंधे से आता है तो उसे बैंक खोलने की इजाजत नहीं होगी। रिजर्व बैंक ने सोमवार को निजी क्षेत्र को नए बैंकों को लाइसेंस देने के लिए जारी प्रारूप दिशानिर्देशों में यह प्रावधान किया है।औरऔर भी