सबका बनने की शर्त
जब आप सबका बनना चाहते हो तो अपना सारा कुछ उसके अधीन कर देना चाहिए। ध्यान रखें कि सबका बनने की चाह और अपना कुनबा अलग चलाने की कोशिश आपको कहीं का नहीं छोड़ती।और भीऔर भी
जन्मदिन मुबारक
यूं तो हर दिन नया जन्म है। फिर खुद अपना जन्म दिन क्या मनाना? हां, दूसरे आपका जन्म दिन मनाएं, तब कोई बात है। वैसे, दूसरों के लिए भी आपका जन्म दिन अपनी खुशियों का बहाना होता है।और भीऔर भी
परायों में अपना
अपनों में शायद ही कोई अपना मिले, जिसके नाम खुद को किया जा सके। परायों में तलाशोगे, दर-दर भटकोगे तो जरूर कोई न कोई मिल जाएगा, खुद को जिसके नाम कर निश्चिंत हो सकते हो।और भीऔर भी
चरे जा रहे हैं!
हर कोई सिर नीचे गाढ़कर चरे जा रहा है। जाल-जंजाल इतने कि जानी-पहचानी चीजों के अलावा और कुछ जानने की फुरसत नहीं। ऐसे में काम की चीज भी लोगों को भोंपू बजाकर सुनानी पड़ती है।और भीऔर भी
नौकरी और बरक्कत
सिर्फ अपने या अपनों के लिए कमाने से नौकरी होती है, बरक्कत नहीं होती। बरक्कत तब होती है, दौलत तब बरसती है, जब आप किसी सामाजिक संगठन, संस्था या कंपनी के लिए कमाते हो।और भीऔर भी
गाय कि गोजर
दूसरों को अपने जैसा समझना पहले भी गलत था, आज भी गलत है। आप सच्चे हो, अच्छा है। लेकिन सामनेवाला इंसान नेवला है कि भेड़िया, गाय है कि गोजर – यह तो आपको देखना ही पड़ता है।और भीऔर भी
हम तो सबके हैं!
जब हमें यह लगने लगे कि इस दुनिया में हमारे लिए कोई नहीं है तो हमें यह सोचना शुरू कर देना चाहिए कि हम सबके लिए हैं। फिर एक दिन किसी से न जुड़ते हुए भी हम सबसे जुड़ जाते हैं।और भीऔर भी
फैसले का हुनर
सोचिए, आपके फैसले कोई दूसरा कैसे ले सकता है! अपने फैसले खुद लेने की आदत डालें और उसकी जवाबदेही भी लें। तभी आप गलत फैसलों से सही फैसलों तक पहुंचने का हुनर सीख पाएंगे।और भीऔर भी
सिर धुनते ब्रह्म
हम सभी ब्रह्म हैं। एक से अनेक होने, एक को अनेक करने की कोशिश करते हैं। नहीं कर पाते तो सिर धुनते हैं। नहीं भान कि दूसरों को मान दिए बिना, दूसरों का साथ लिए बिना अनेक नहीं हो सकते।और भीऔर भी
