चालू वित्त वर्ष 2011-12 में अप्रैल से जून तक की पहली तिमाही में पूरे साल के लिए तय कृषि ऋण का 23.73 फीसदी हिस्सा बांटा जा चुका है। कृषि मंत्रालय की तरफ से दी गई ताजा जानकारी के मुताबिक 30 जून 2011 तक कुल 1,12,731 करोड़ रुपए के कृषि वितरित किए गए हैं, जबकि पूरे वित्त वर्ष का लक्ष्य 4.75 लाख करोड़ रुपए का है। बता दें कि इधर कुछ सालों से कृषि क्षेत्र को दिया गयाऔरऔर भी

देश में इस समय कुल 82 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी) हैं जिनकी 15,475 शाखाएं 619 जिलों में फैली हुई हैं। 31 मार्च 2010 तक की माली हालत के आधार पर 82 में तीन आरआरबी घाटे में चल रहे हैं। ये हैं – मणिपुर रूरल बैंक (2.98 करोड़), पुडुवल भर्थियार ग्रामा बैंक (0.22 करोड़) और महाकौशल ग्रामीण बैंक (2.45 करोड़)। सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को नाबार्ड की तरफ से तकनीक उन्नयन और ज्यादा आबादी तक पहुंचने के लिएऔरऔर भी

सरकार ने किसानों को रियायती ब्याज दर पर ऋण मुहैया कराने के लिए अपने खजाने से 4868 करोड़ रुपए निकालने का निर्णय लिया है। यह रकम सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और को-ऑपरेटिव बैंकों के साथ-साथ नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक) को भी दी जाएगी। नाबार्ड क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और को-ऑपरेटिव बैंकों को रीफाइनेंस करता है। यह निर्णय शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। मंत्रिमंडल के इस फैसले से यहऔरऔर भी