अनिल अंबानी समूह (एडीएजी) ने अपनी कंपनियों पर हुए हमले को देश के इंफ्रास्ट्रक्चर पर हुआ हमला बताया है। उसका कहना है कि पिछले दो हफ्ते से जिस तरह मंदड़ियों के गैर-कानूनी कार्टेल ने बाजार पर चोट की है, उससे देश के इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र को तीन लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। समूह की तरफ से उसके प्रबंध निदेशक गौतम दोशी ने कहा कि समूह की कंपनियों के शेयर मंदड़ियों की खेमेबंदी के शिकार हुए हैं।औरऔर भी

पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने अनिल अंबानी व उनके चार सहयोगियों – सतीश सेठ, एस सी गुप्ता, ललित जालान और जे पी चलसानी से कुल 50 करोड़ रुपए लेकर विदेशी वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) और एफसीसीबी (विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांडों) से जुटाई गई राशि के दुरुपयोग के आरोप से मुक्त कर दिया है। सेबी ने शुक्रवार को जारी एक कन्सेंट ऑर्डर के तहत ऐसा किया है। इसमें अनिल अंबानी व उनके सहयोगियों ने न तो आरोप कोऔरऔर भी

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को अंग्रेजी में हमारे पूंजी बाजार का वॉच डॉग कहा जाता है और वाकई लगता है कि वह बड़ों पर भौंकने और छोटों को काटने का काम करता है। सेबी ने 7 जून को रिलायंस नेचुरल रिसोर्सेज (आरएनआरएल) और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर में ‘डीलिंग’ के मामले में इन कंपनियों के अलावा अनिल अंबानी और समूह के चार अन्य बड़े अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। 9 जून को यह नोटिसऔरऔर भी

रिलायंस नेचुरल रिसोर्सेज (आरएनआरएल) के शेयरधारकों को उनके हर चार शेयर पर रिलायंस पावर का एक शेयर दिया जाएगा। अनिल अंबानी समूह की इन दोनों कंपनियों ने निदेशक बोर्ड ने रविवार को अपनी बैठक में यह प्रस्ताव पास कर दिया। इससे आरएनआरएल के शेयरधारकों को रिलायंस पावर के कुल 7150 करोड़ रुपए के शेयर मिलेंगे जिसमें से 54.84 फीसदी हिस्सेदारी के कारण प्रवर्तक परिवार को करीब 3900 करोड़ के शेयर मिलेंगे। लेकिन शुक्रवार के बंद भाव कोऔरऔर भी

रिलायंस नेचुरल रिसोर्सेज लिमिटेड (आरएनआरएल) का विलय रिलायंस पावर में होगा। अनिल अंबानी समूह की इन दोनों कंपनियों की तरफ से शेयर बाजार बंद होने के बाद जारी बयान में बताया गया है कि इस सिलसिले में उनके निदेशक बोर्डों की अलग-अलग बैठक रविवार, 4 जुलाई को होगी। इसमें आरएनआरएल के रिलायंस पावर में विलय को मंजूरी दी जाएगी। लेकिन बाजार में इसकी सुगबुगाहट पहले ही शुरू हो गई थी। इसके चलते रिलायंस पावर के शेयर मेंऔरऔर भी

अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस नेच्रुरल रिसोर्सेज (आरएनआरएल) ने बड़े भाई मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के साथ संशोधित गैस सप्लाई मास्टर एग्रीमेंट पर आज, 25 जून 2010 को दस्तखत कर लिए। कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंजों के इसकी आधिकारिक सूचना देते हुए बताया है कि अब वह भारत सरकार से प्राकृतिक गैस के आवंटन की प्रक्रिया तेज करने को कहेगी। असल में आरएनआरएल ने इसके लिए बाकायदा अनुरोध पेट्रोलियम मंत्रालय के पास भेज भी दियाऔरऔर भी

रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के मसले ने बाजार को भारी आवेग दिया। इसके चक्कर में ट्रेडर ऊंचे भावों पर भारी-भरकम खरीद के सौदे कर बैठे। इसका नतीजा यह हुआ कि बाजार खुद को ऊंचे स्तर पर टिकाए नहीं रख सका। बीएसई सेंसेक्स दिन में 263.12 अंक बढ़ गया था, लेकिन बंद हुआ केवल 23.94 अंक की बढ़त के साथ। दोनों अंबानी भाइयों की कंपनियों के शेयर कारोबारियों के पसंदीदा बने रहे। आरआईएल 1049 तक उठने के बाद 2.58औरऔर भी

रिलायंस समूह अब भी शेयर बाजार का बेताज बादशाह बना हुआ है। इसलिए मुकेश और अनिल अंबानी के बीच सुलझ हो जाने के बाद पूरी उम्मीद है कि सोमवार को बाजार में तेजी का आलम रहेगा। इस बीच आईसीआईसीआई सिक्यूरिटीज जैसी देश की प्रमुख ब्रोकरेज व निवेश बैंकिंग कंपनी ने भी अनुमान जताया है कि इस साल बीएसई सेंसेक्स 19,000 अंक के ऊपर जा सकता है। कंपनी की सीईओ व प्रबंध निदेशक माधबी पुरी बुच का कहनाऔरऔर भी

अनिल अंबानी की तमाम कंपनियों के शेयर आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आंधी के शिकार हो गए। आरएनआरएल का शेयर बीएसई में 22.82 फीसदी गिरकर 52.75 रुपए पर बंद हुआ, लेकिन दिन में 50 रुपए पर जाकर 52 हफ्ते की तलहटी पर भी पहुंच गया। यही हाल एनएसई में भी रहा। 23.77 फीसकी की गिरावट के साथ बंद हुआ 52.10 रुपए पर लेकिन 49.75 के न्यूनतम स्तर पर जाकर। जानकारों के मुताबिक यही माकूल वक्त हैऔरऔर भी

सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार 18 दिसंबर 2009 से रुका हुआ फैसला शुक्रवार 7 मई 2010 को आ गया। कोर्ट की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने दो-एक के बहुमत से रिलायंस इंडस्ट्रीज के हक में फैसला सुनाया है। उसका कहना है कि गैस जब तक ग्राहक तक नहीं पहुंचती, तब तक वह पूरी तरह जनता का नुमाइंदा होने के कारण सरकार की है। किन्हीं भी दो पक्षों या परिवारों के बीच हुआ एमओयू (आपसी करार) कोई कानूनी वैधता नहींऔरऔर भी