दो महीने तक लस्टम-पस्टम चलने के बाद देश की औद्योगिक विकास दर फिर दहाई अंक में आ गई है। औदियोगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) से नापी जानेवाली यह दर अक्टूबर में 10.8 फीसदी रही है, जबकि अगस्त में यह 6.91 फीसदी और सितंबर में मात्र 4.4 फीसदी ही थी। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोटेंक सिंह आहूलवालिया अक्टूबर के आंकड़ों से इतने उत्साहित हैं कि कहने लगे हैं कि यह (आईआईपी की विकास दर) पूरे वित्त वर्ष 2010-11 मेंऔरऔर भी

फ्रांसीसी कंपनियां साल 2012 तक भारत में 10 अरब यूरो (13.37 अरब डॉलर) का निवेश करने को प्रतिबद्ध हैं। फ्रांस की वित्त मंत्री क्रिस्टीन लगार्ड ने सोमवार को उद्योग संगठन फिक्की द्वारा आयोजित भारत-फ्रांस व्यापार मंच की बैठक में कहा, ‘‘यह सिर्फ आंकड़ा (10 अरब यूरो) नहीं है। यह फ्रांसीसी कंपनियों की 2008 से 2012 के बीच भारत में निवेश को लेकर प्रतिबद्धता है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि हर बिजनेस ‘आपसी लाभ’ के सिद्धांत पर कामऔरऔर भी

जैसे-जैसे दलबल के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत आने की तारीख करीब आती जा रही है, सरकार के तमाम मंत्री व आला अधिकारी मल्टी ब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की वकालत करते नजर आ रहे हैं। इसकी खास वजह यह है कि अमेरिका का भारी दबाव इस बात पर है कि भारत मल्टी ब्रांड रिटेल को विदेशी पूंजी निवेश के लिए खोल दे। प्रमुख अमेरिकी स्टोर व दुनिया के सबसे बड़े रिटेलर वॉलऔरऔर भी

अचानक उल्लास और उत्साह के बीच आर्थिक मोर्चे से दो बुरी खबरें मिली हैं। जून महीने में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) की वृद्धि दर 13 महीनों के न्यूनतम स्तर 7.1 फीसदी पर पहुंच गई है। यह पिछले साल जून में आर्थिक सुस्ती के बावजूद 8.3 फीसदी थी। दूसरे, कुछ हफ्तों से इकाई में आ गई खाद्य मुद्रास्फीति की दर 31 जुलाई को खत्म सप्ताह में बढ़कर 11.4 फीसदी हो गई है। हालांकि इन दोनों ही नकारात्मक खबरोंऔरऔर भी

महंगाई खासकर पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस और केरोसिन के मूल्य बढ़ाने जाने के खिलाफ आज देश के ज्यादातर राज्यों में व्यावसायिक व आर्थिक गतिविधियां ठहर गईं। शेयर बाजार तक इससे अछूता नहीं रहा जहां कारोबार की कुल मात्रा घटकर महज 46426 करोड़ रुपए रह गई, जबकि वहां औसत कारोबार एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का होता रहा है। एनएसई में फ्यूचर एंड ऑप्शन (एफ एंड ओ) सेगमेंट में 35804 करोड़ का कारोबार हुआ और कैश सेगमेंट मेंऔरऔर भी