सरकारी, न देशी, ना विदेशी, पूंजी कहां?
मोदी सरकार इन दिनों बहुत परेशान है। जीडीपी की विकास दर घटकर चार साल के न्यूनतम स्तर पर। जिस विदेशी पूंजी पर भरोसा किया, वो देश छोड़कर भागे जा रही है। देश में शुद्ध एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) 12 साल के न्यूनतम स्तर पर। कोविड के बाद से सरकार ने खुद पूंजी व्यय बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को जो फौरी आवेग दिया था, उसका दम फूलने लगा है। बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 11,11,111 करोड़ रुपए केऔरऔर भी