केंद्र सरकार टाइड वॉटर ऑयल कंपनी में एंड्रयू यूल की इक्विटी हिस्सेदारी को बेचने पर गंभीरता से विचार कर रही है। यह आश्वासन भारी उद्योग व सार्वजनिक उद्यम मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने गुरुवार को एंड्रयू यूल के कामकाज की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक में दिया। एंड्रयू यूल चाय उत्पादन में लगी सरकारी कंपनी है। उसकी 65.23 करोड़ रुपए की इक्विटी का 93.30 फीसदी हिस्सा भारत सरकार के पास है। वहीं टाइड वॉटर ऑयल में प्रवर्तक केऔरऔर भी

भारतीय बैंकिंग उद्योग अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों के लिए पैंतरेबाजी का अड्डा बन गया लगता है। मूडीज़ ने सितंबर में देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) की रेटिंग डी+ से घटाकर सी- कर दी थी। फिर बुधवार, 9 नवंबर को उसने भारतीय बैंकिंग उद्योग का नजरिया घटाकर स्थिर से नकारात्मक कर दिया। लेकिन दुनिया की दूसरी प्रमुख एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (एस एंड पी) की 9 नवंबर को ही जारी उस रिपोर्ट पर किसी काऔरऔर भी

हिंदुस्तान ज़िंक पहले साल 2003 तक भारत सरकार की कंपनी हुआ करती थी। अब कबाड़ी से अरबपति अनिल अग्रवाल के वेदांता समूह की कंपनी है। कंपनी की 845.06 करोड़ रुपए की इक्विटी में वेदांता समूह की हिस्सेदारी 64.92 फीसदी है, जबकि भारत सरकार के पास अब भी उसके 29.54 फीसदी शेयर हैं। फ्लोटिंग स्टॉक कम होने के बावजूद उसका शेयर बहुत ज्यादा ऊपर-नीचे नहीं होता। 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 155.25 रुपए (21 अप्रैल 2011) और न्यूनतमऔरऔर भी

कोई चीज बहुत जल्दी, बहुत आसानी से हो जाए तो बहुतों के लिए उसे पचा पाना बहुत मुश्किल होता है। शेयर बाजार जिस तरह से सुधरा है, निफ्टी 5180 और सेंसेक्स 17,770 से जिस तेजी से उठा है, उससे कभी-कभी डर भी लगता है कि कहीं सब फिर से पटरा न हो जाए। वैसे, आपको याद होगा कि बाजार के इन स्तरों पर पहुंचने पर हमने साफ कहा था कि वह अब तलहटी पकड़ चुका है औरऔरऔर भी

केंद्र सरकार ने देश भर में फैले करीब 2.73 लाख ग्रामीण डाक सेवकों को रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा देने के लिए विशेष स्कीम शुरू की है। इसमें डाक सेवक को अपनी तरफ से कोई खर्च या निवेश नहीं करना होगा। भारत सरकार का डाक विभाग हर ग्रामीण डाक सेवक के खाते में प्रति माह 200 रूपए जमा करेगा। इस तरह जमाराशि से 65 साल की उम्र मे रिटायर होने पर ग्रामीण डाक सेवकों और उनके पति/पत्‍नीऔरऔर भी

कंपनियों के नतीजों का मौसम खत्म होने को है। अब तक तस्वीर यह बनी है कि जहां इनफोसिस और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी तमाम बड़े स्तर की कंपनियां बाजार की अपेक्षाओं को पूरा करने में नाकाम रही हैं, वहीं पोलारिस, एचसीएल टेक्नो व हिंदुस्तान जिंक जैसे मध्यम स्तर की कंपनियों ने उम्मीद के बेहतर नतीजे हासिल किए हैं। कुल मिलाकर कॉरपोरेट क्षेत्र का लाभार्जन बीते वित्त वर्ष 2010-11 में पहले से 20 फीसदी ज्यादा रहेगा। लेकिन चालू वित्तऔरऔर भी

भारत सरकार के कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने निवेशकों को खींचने के लिए देश में व्यापक अभियान चला रखा है। इसके तहत उसने 12-17 जुलाई तक एक निवेशक सप्ताह भी मनाया। इसी दौरान उसने छोटी-सी पुस्तिका छपवाई है जिसका शीर्षक है – ए बिगिनर्स गाइड टू द कैपिटल मार्केट। इसमें बहुत सारी बातों के अलावा निवेश के बीस मंत्र सुझाए गए हैं, जिसमें से चौथा मंत्र आईपीओ (शुरुआती पब्लिक ऑफर) में निवेश को लेकर है, जिसे जानकर किसीऔरऔर भी