दुनिया की दो शीर्ष अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं में से विश्व बैंक पर अमेरिका का कब्जा बरकरार है, जबकि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) पर यूरोप का नेतृत्व है। लेकिन रेटिंग एजेंसियों के मामले में अमेरिका का ही बोलबोला है। स्टैंडर्ड एंड पुअर्स, मूडीज़ व फिच तीनों ही प्रमुख एजेंसियां अमेरिका की हैं। इनको चुनौती देने की कोशिश में यूरोप काफी समय से लगा हुआ है। लेकिन अभी तक यह कोशिश किसी अंजाम पर नहीं पहुंच सकी है। असल में,औरऔर भी

वित्तीय और बैंक संकट के समाधान पर सहमति के लिए यूरोपीय नेता बुधवार को फिर से मिल रहे हैं। पूरे सप्ताहांत चले विचार-विमर्श के बावजूद इस पर विवाद रहा कि यूरो बचाव पैकेज को किस तरह से और प्रभावशाली बनाया जा सकता है। लेकिन इससे पहले जर्मन संसद बुंडेसटाग को भी हरी झंडी दिखानी होगी। फिलहाल जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल संसद में राजनीतिक पार्टियों और संसदीय दल के नेताओं को सारी स्थिति की जानकारी दे रही हैं।औरऔर भी

कृषि मंत्रालय ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के किसी तरह के वित्‍तीय संकट में होने से इनकार किया है। इस तरह की खबरें छपने के बाद कि एफसीआई अनाज की खरीद के लिए राज्‍यों और उनकी एजेंसियों को भुगतान नहीं कर पा रहा है, मंत्रालय ने सफाई पेश की है। उसका कहना है कि एफसीआई को गेहूं और धान की खरीद पर बोनस व अतिरिक्‍त आवंटन वगैरह के कारण बजट में आवंटन रकम से ज्यादा खर्च करनाऔरऔर भी

यूरोप में जारी वित्तीय संकट के बावजूद भारत ने निर्यात के मोर्चे पर बेहतर प्रदर्शन किया है। मार्च में खत्म वित्त वर्ष 2010-11 में देश का निर्यात 37.5 फीसदी बढ़कर 245.9 अरब डॉलर हो गया। अकेले मार्च माह में निर्यात 43.9 फीसदी बढ़कर 29.1 अरब डॉलर रहा है। वाणिज्य व उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने मंगलवार को ये आंकड़े जारी किए। उन्होंने कहा कि देश का निर्यात पहली बार 200 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचा है। उल्लेखनीयऔरऔर भी

दो साल पहले वर्ष 2008- 09 में दुनिया को हिलाकर रख देनी वाली आर्थिक मंदी के लिए आखिर कौन जिम्मेदार था, इसका पता लगाते हुए एक अमेरिकी समिति ने कहा है कि लोगों की कारगुजारी से लेकर नियामक विफलता और नीति निर्माता सभी इस संकट के लिए जिम्मेदार रहे हैं। वित्तीय संकट जांच आयोग की 500 से अधिक पृष्ठों की रिपोर्ट में यह बात कही गई है। अमेरिकी संसद ने संकट के कारणों का पता लगाने केऔरऔर भी