एक सरकार ही है जो मानने को तैयार नहीं। वरना आम से लेकर खास तक, हर कोई मान चुका है कि हमारी अर्थव्यवस्था की हालत खराब है। रिजर्व बैंक तक ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी की विकास दर का अनुमान अप्रैल के 7.2% से घटाकर अब 6.1% कर दिया है। ऐसे माहौल में शेयर बाज़ार पर सरकार की कोई जुगत काम नहीं कर रही। आखिर ऐसे में निवेश का नया तरीका क्या हो सकता है?औरऔर भी

सरकार ने शेयर बाजार को बढ़ावा देने के लिए इक्विटी फ्यूचर्स पर सिक्यूरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) 0.017 फीसदी से घटाकर 0.01 फीसदी कर दिया है। लेकिन कैश सेगमेंट या डिलीवरी वाले सौदों पर एसटीटी की मौजूदा दर 0.10 फीसदी को जस का तस रखा गया है। जानकार मानते हैं कि इससे शेयर बाज़ार में वास्तविक निवेश की जगह सट्टेबाज़ी को बढ़ावा मिलेगा। वैसे भी इस समय कैश सेगमेंट का कारोबार डेरिवेटिव सौदों के आगे कहीं नहीं टिकता।औरऔर भी

बाजार का बहुत तेजी से बढ़ना अच्छा नहीं है तो पंटर भाईलोग शॉर्ट सेलिंग करने लगे। पहले कहा जा रहा था कि बहुत धीमा होना बाजार के लिए बहुत बुरा है और इसलिए शॉर्ट सेलिंग हो रही है। अरे भाई मेरे! आप लोग बाजार को कब समझेंगे? निफ्टी 5800 पर है और सारे के सारे एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) सेंसेक्स में शामिल स्टॉक खरीदने में जुटे हैं क्योंकि ऐसा करना उनकी मजबूरी है। मैं तो कहूंगा किऔरऔर भी

जानकारों का कहना है कि सोने के भाव में अभी जिस तरह बढ़ने का रुझान चल रहा है, उसमें निवेशकों को इसकी कीमत में सुधार आने तक निवेश का इंतजार करना चाहिए। वैसे, पिछले दो महीनों के दौरान ज्यादातर गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) के एनएवी (शुद्ध आस्ति मूल्य) में 15 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है। बता दें कि गोल्ड ईटीएफ ओपन इंडेड म्यूचुअल फंड स्कीमें हैं जिसमें निवेशकों के सोने में लगाया जाता है।औरऔर भी