समय कितना बेरहम और भविष्य कितना अनिश्चित है! एनडीटीवी के अधिग्रहण के बाद जब हर तरफ अडाणी समूह की तूती बोल रही थी, उसकी शीर्ष कंपनी अडाणी एंटरप्राइसेज़ का 20,000 करोड़ रुपए का ऐतिहासिक एफपीओ (फॉलो-न पब्लिक ऑफर) आने ही वाला था, समूह के मुखिया गौतम अडाणी घूम-घूमकर मीडिया को इंटरव्यू दे रहे थे कि वे कितने ज़मीन से उठे उद्यमी और लोकतांत्रिक मूल्यों में आस्था रखनेवाले व्यक्ति हैं (यहां तक कि कुछ लोग दबी जुबान सेऔरऔर भी

करीब दस महीने हमने इसी कॉलम में आईसीआईसीआई सिक्यूटिरीज की रिसर्च रिपोर्ट के हवाले 11 अगस्त को लिखा था कि जीवीके पावर एंड इंफ्रस्ट्रक्चर के शेयर में 20 फीसदी बढ़त की पूरी गुंजाइश है। शेयर तब 43.80 रुपए पर था। ब्रोकरेज फर्म का आकलन था कि यह साल भर में आराम से 53-54 रुपए पर चला जाएगा। हालांकि वो महीने भर में 13 सितंबर 2010 को 51.45 रुपए के शिखर तक चला गया। लेकिन उसके बाद ऐसाऔरऔर भी

कोयला खानों के राष्ट्रीयकरण के 38 साल बाद केंद्र सरकार इसका निजीकरण करने को उत्सुक नजर आ रही है। कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल के मुताबिक सरकार कोयले के वाणिज्यिक खनन पर सहमति बनाने का प्रयास कर रही है ताकि ऊर्जा क्षेत्र के सुधारों को गति दी जा सके और इस क्षेत्र को विकास प्रोत्साहन मिले और वो रफ्तार पकड़ सके। कोयला मंत्री ने राजधानी दिल्ली में गुरुवार को आयोजित एक कार्य्रकम में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा,औरऔर भी

अडानी समूह ने ऑस्ट्रेलिया में हासिल कोयला खदानों को मिलकर विकसित करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया के साथ बातचीत शुरू की है। अडानी समूह ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में 12,600 करोड रुपए की कोयला खदानों का अधिग्रहण किया है। समाचार एजेंसी पेस ट्रस्ट ने सूत्रों के हवाले खबर दी है कि अडानी समूह की एक कंपनी और कोल इंडिया लिमिटेड के बीच बातचीत चल रही है। अडानी समूह कोयला खदानों को विकसितऔरऔर भी