हिन्डेनबर्ग की अशुभ छाया का डर बरकरार है। पूरे सितंबर भर रहेगा। दुनिया के बाजार गिरेंगे तो स्वाभाविक रूप से भारत पर भी असर पड़ेगा। वैसे भी हमारे एक बड़े फंड हाउस के प्रमुख कह चुके हैं कि बाजार में 10 फीसदी करेक्शन आना है। लेकिन कौन बेचेगा जिसके चलते यह करेक्शन आएगा? बीते शुक्रवार को बाजार (बीएसई सेंसेक्स) 1.25 फीसदी गिर गया। इस हिसाब से फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस सौदों के ओपन इंटरेस्ट में कमी आनी चाहिएऔरऔर भी

इस साल अभी तक स्थिति यह रही है कि बैंक हर दिन औसतन 1.09 लाख करोड़ रुपए रिजर्व बैंक के पास रिवर्स रेपो की सुविधा के तहत जमा कराते रहे हैं जिस पर उन्हें महज 3.25 फीसदी सालाना की दर से ब्याज मिलता है। बैंकिंग सिस्टम में इस राशि को अतिरिक्त तरलता माना जाता है। यह वह राशि है जो आम लोगों से लेकर औद्योगिक क्षेत्र को उधार देने और विभिन्न माध्यमों में निवेश करने के बादऔरऔर भी