इस साल अप्रैल से शुरू हो रही 12वीं पंचवर्षीय योजना के अंत तक स्वास्थ्य पर सरकारी खर्च बढ़ाकर जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का 2.5 फीसदी कर दिया जाएगा। यह फैसला बुधवार को प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई विशेष बैठक में लिया गया। इस समय स्वास्थ्य पर सरकारी खर्च जीडीपी का 1.4 फीसदी है। बैठक का खास एजेंडा था – स्वास्थ्य व समग्र अर्थव्यवस्था पर बने आयोग (एनसीएमएच) और योजना आयोग द्वारा स्वास्थ्य पर गठिच उच्चस्तरीय विशेषज्ञ दल कीऔरऔर भी

इस समय हम वैज्ञानिक अनुसंधान पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का मात्र एक फीसदी खर्च कर रहे हैं। इसे 12वीं पंचवर्षीय योजना में हमें कम से कम दो फीसदी करना होगा। यह कहना है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का। वे मंगलवार को भुवनेश्वर के आईआईटी परिसर में 99वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि चीन इधर विज्ञान के क्षेत्र में भारत से आगे बढ़ गया है।औरऔर भी

बारहवीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र पर जीडीपी (सकल घरेलू उत्‍पाद) के 1.8 फीसदी के बजाय 2.5 फीसदी खर्च किया जाएगा। यह कहना है कि योजना आयोग की सदस्‍य सईदा हमीद का। गुरुवार को दिल्‍ली के नजदीक सूरजकुंड में अंतरराष्‍ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के अवसर पर अपने संबोधन में श्रीमती हमीद ने कहा कि यह एक लम्‍बी छलांग होगी। उन्‍होंने कहा कि राष्‍ट्रीय प्रतिरक्षण कार्यक्रम को और मजबूत बनाने की दिशा में समाज और लोगों में इसका लाभऔरऔर भी

इस समय केंद्रीय कृषि मंत्रालय देश भर में खेती-किसानी से जुड़ी 19 तरह की 50 से ज्यादा स्कीमें चलाता है। लेकिन अगले साल 2012 से शुरू हो रही 12वीं पंचवर्षीय योजना में इनकी संख्या घटाकर मात्र आठ कर दी जाएगी। ये वैसी स्कीमें हैं जिन्हें केंद्र सरकार प्रायोजित करती है। बाकी स्कीमों का जिम्मा राज्य सरकारों पर छोड़ दिया जाएगा। वे चाहें तो चलाएं और चाहें तो बंद कर दें। यह स्पष्ट किया है कृषि सचिव पीऔरऔर भी

भारतीय अर्थव्यवस्था विकास के रास्ते पर है और 2008 की मंदी के बाद पिछले दो वर्षों में अर्थव्यवस्था की औसत विकास दर आठ फीसदी रही है। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने बुधवार को न्यूयॉर्क में इंडिया इनवेस्टमेंट फोरम को संबोधित करते हुए भरोसा जताया कि इस साल भी जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की विकास दर 8 फीसदी रहेगी। अगले साल मार्च से शुरू हो रही 12वीं पंचवर्षीय योजना में जीडीपी में विकास का सालाना लक्ष्य नौ फीसदीऔरऔर भी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को 12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-17) के दृष्टिकोण पत्र को मंजूरी दे दी। इसमें अगले साल मार्च से शुरू हो रहे पांच वित्तीय वर्षों के दौरान सालाना 9 फीसदी की आर्थिक वृद्धि हासिल करने का प्रस्ताव रखा गया है। अभी चल रही 11वीं पंचवर्षीय योजना में सालाना औसत आर्थिक वृद्धि 8.2 फीसदी रहने का अनुमान है। बैठक के बाद केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री अम्बिका सोनी ने संवाददाताओं से कहा, “मंत्रिमंडल ने दृष्टिकोण पत्रऔरऔर भी

पिछले दो सालों से दुनिया भर की सरकारों और केंद्रीय बैंकों के लिए मुसीबत बना संकट अब लगभग मिट चुका है। अब हमें उन चुनौतियों पर ध्यान देने की जरूरत है जिनसे हमें आगे के सालों में जूझना है। तय-सी बात है कि औद्योगिक देश अब धीमे विकास के दौर में प्रवेश कर रहे हैं। दूसरी तरफ भारत लगातार मजबूत हो रहा है और भविष्य में अच्छी प्रगति की संभावना है। हमारी घरेलू बचत दर बढ़कर जीडीपीऔरऔर भी