ईमानदार कमाई, समझदार निवेश
हमारे हिंदी समाज के सामने बचाने या निवेश करने से कहीं ज्यादा बड़ी समस्या कमाने की है। एक तो ज्यादातर लोग नौकरीपेशा नहीं हैं तो अपनी व अपने परिवार की हारी-बीमारी का इंतज़ाम खुद करना पड़ता है। आकस्मिकता कभी भी चपत लगा सकती है। तब बड़ी बचत भी कम पड़ जाती है। दूसरे, ईमानदारी से कमाना इतना मुश्किल है कि निवेश को लेकर सोचने की फुरसत नहीं मिलती। ऐसे में तथास्तु लाया है एक और निवेशयोग्य मौका…औरऔर भी


