क्या सरकार से मुफ्त मिली चीजों का मोल लोगों की आय तय करने के लिए उनके खर्च में शामिल किया जा सकता है? लेकिन हमारे योजना आयोग ने इसी करामात की बदौलत 1.80 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाल लिया है। उसने सरकार की मिड डे मील स्कीम का फायदा लेनेवाले बच्चों के परिवारों की आय में इसका खर्च शामिल कर लिया है। अभी पिछले हफ्ते योजना आयोग की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिकऔरऔर भी

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में एस्सार समूह और लूप टेलिकॉम के पांच अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी। इसमें सीबीआई ने अंशुमान रुइया, रवि रुइया, विकास सर्राफ़, किरण खेतान और आई पी खेतान के ख़िलाफ़ आपराधिक साज़िश और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। यह 2जी घोटाले में सीबीआई की तरफ से दाखिल तीसरी चार्जशीट है। एस्सार समूह पर आरोप है कि वो वोडाफ़ोन कंपनी में हिस्सेदारी के ज़रिए लूपऔरऔर भी

मध्य प्रदेश पुलिस ने राज्य में सक्रिय सात चिटफंड कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायतों पर एफआईआर दर्ज कर ली है और इन कंपनियों में से तीन के प्रबंधकों को गिरफ्तार भी कर लिया है। जहां ये कंपनियां ज्यादा सक्रिय थीं, वो इलाका वाणिज्य व उद्योग राज्यमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पुश्तैनी चुनाव क्षेत्र में आता है। भिंड के एसपी अनुराग ने समाचार एजेंसी ‘भाषा’ को बताया कि जिन चिटफंड कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है, उनमेंऔरऔर भी

सुप्रीम कोर्ट ने पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी को सहारा समूह की दो कंपनियों के ओएफसीडी इश्यू की तहकीकात जारी रखने का आदेश दिया है। कोर्ट का कहना है कि हो सकता है कि निवेशकों को इन उत्पादों (डिबेंचरों) का कोई आगा-पीछा ही न मालूम हो और वे बाद में खुद को हर्षद मेहता जैसी धोखाधड़ी का शिकार हुआ महूसस करें। कोर्ट ने गुरुवार को सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कॉरपोरेशन और सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन के ओएफसीडीऔरऔर भी

सुप्रीम कोर्ट ने पैसा लेकर रातों-रात चंपत हो जाने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लाखों निवेशकों को बड़ी राहत देते हुए व्यवस्था दी है कि सरकार को इस तरह के धोखाधड़ी करने वाले संगठनों की संपत्ति जब्त करने का अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि इस तरह का कानून संवैधानिक रूप से वैध है और यह भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों या कंपनी कानून के विरूद्ध नहीं है। कोर्टऔरऔर भी

सरकारी बैंकों में कर्मचारियों द्वारा की गई धोखाधड़ी के मामले में सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत मांगी गई सूचना का विभिन्न बैंकों ने अलग अलग नजरिया अपनाते हुए जबाव दिया। कुछ बैंकों ने तो यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि मांगी गई सूचना बैंकों में तैयार नहीं की जाती है। समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट की एक खबर के अनुसार, कुछ बैंकों ने कहा है कि धोखाधडी से जुड़े आईपीसी की धारा 420 के तहत आनेवालेऔरऔर भी

विश्व बैंक ने तीन भारतीय कंपनियों और एक कारोबारी पर बंदिश लगा दी है कि वे भारत में उसकी परियोजना में भाग नहीं ले सकते। उसका कहना है कि इन कंपनियों और उस शख्स से उसके साथ कामकाज करते हुए धोखाधड़ी की है। ये तीन कंपनियां हैं – बीएसई में लिस्टेड अंबालाल साराभाई एंटरप्राइसेज, मुंबई की केमितो टेक्नोलॉजीज और नई दिल्ली की ग्लोबल स्पिन वीव लिमिटेड। साथ ही ग्लोबल स्पिन वीव के निदेशक सुधीर अग्रवाल पर अलगऔरऔर भी