सरकार विदेशी निवेशकों के बीच देश की छवि को बचाने और विपक्ष के हमले से बचने के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम उठाने पर मजबूर हो गई है। इसी कड़ी में बुधवार को सीबीआई ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के सिलसिले में पूर्व टेलिकॉम मंत्री ए राजा, उनके निजी सचिव आर के चंदोलिया और पूर्व टेलिकॉम सचिव सिद्धार्थ बेहुरा को गिरफ्तार कर लिया। इन तीनों पर पद का दुरुपयोग करते हुए 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में धांधली करने औरऔरऔर भी

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा को वर्ष 2008 में नई कंपनियों को 2जी स्पेक्ट्रम आवंटित करने में प्रधानमंत्री, वित्त मंत्रालय और विधि मंत्रालय की सलाह को नजरअंदाज करने का दोषी करार दिया है। मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में इस मामले में पेश कैग की एक रिपोर्ट के अनुसार, दूरसंचार मंत्री के रूप में राजा के इस रवैये से सरकार को 1. 76 लाख करोड़ रुपए के संभावित राजस्व काऔरऔर भी

संजय तिवारी बहुत से लोग नहीं जानते कि यह 2-जी और 3-जी क्या बला है?  लेकिन इसी 2-जी और 3-जी के नाम पर अरबों के घोटाले का आरोप है। हाल में ही संसद से लेकर सड़क तक जिस स्पेक्ट्रम घोटाले की गूंज के साथ संचार मंत्री ए राजा के इस्तीफे की मांग उठी थी, उसके मूल में इसी 2-जी, थ3-जी का खेल है। लेकिन असली सला सवाल यहां न 2-जी, न ही 3-जी और न ही एऔरऔर भी