भारतीय मानक ब्‍यूरो (बीआईएस) ने जनवरी 2012 तक सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग के लिए 9156 और चांदी के आभूषणों के लिए 537 लाइसेंस जारी किए हैं। देश में जल्दी ही सोने व चांदी के आभूषणों की हॉलमार्किंग जरूरी करने का प्रस्ताव है। बीआईएस की योजना आभूषणों की परख करने और हॉलमार्क लगाने के केंद्रों के लिए लाइसेंस जारी करने की भी है ताकि छोटे स्वर्णकार वहां से अपने आभूषणों की हॉलमार्किंग करवा सकें। ब्‍यूरो 31 जनवरीऔरऔर भी

भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग के लिए 31 दिसंबर 2011 तक 9005 लाइसेंस जारी कर चुका है, जबकि चांदी के आभूषणों के लिए भी 528 लाइसेंस जारी किए गए है। सोने के आभूषणों के लिए हॉलमार्किंग को अनिवार्य बनाने का प्रयास जारी है। छोटे सुनारों की सुविधा के लिए बीआईएस ने देश भर में 170 हॉलमार्किंग केन्द्रों की पहचान की है। बीआईएस विभिन्न क्षेत्रों में अपने क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा हॉलमार्किंग के बारे मेंऔरऔर भी

देश में सोने के जेवरों की हॉलमार्किंग जल्दी ही अनिवार्य कर दी जाएगी। फिलहाल केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को कानून में इसके लिए जरूरी संशोधन को मंजूरी दे दी। अब यह संसद के दोनों सदनों में पास होने के बाद कानून बन जाएगा। सरकार के एक बड़े अधिकारी के मुताबिक, इस काम में कम से कम सात से आठ महीने लग सकते हैं। जानकारों का कहना है कि इससे सबसे बड़ी बात यह होगी कि देश भरऔरऔर भी

सरकार सोने-चांदी से लेकर प्लैटिनम के तक के आभूषणों के लिए हॉलमार्किग को जरूरी बनाने जा रही है। इसे पहले महानगरों से शुरू किया जाएगा। फिर बड़े शहरों से होते हुए छोटे शहरों तक पहुंचा जाएगा। हॉलमार्किग की पद्धति देश में साल 2001 से अपना ली गई है। लेकिन अभी तक इसे स्वैच्छिक ही रखा गया है। इधर जिस तरह देश में आभूषणों की खपत बढ़ रही है और ग्राहकों की तरफ से घोषित शुद्धता का आभूषणऔरऔर भी