नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की राय है कि पेट्रोलियम मंत्रालय व तेल क्षेत्र के नियामक डीजीएच (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ हाइड्रोकार्बन्स) ने रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) का पक्ष लिया है। हालांकि कैग ने यह नहीं कहा कि मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली आरआईएल ने सरकार को जरूरत से अधिक खर्च दिखाकर सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाया है। कृष्णा गोदावरी घाटी के डी-6 ब्लॉक पर अपनी अंकेक्षण रिपोर्ट में कैग ने कहा कि हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय ने रिलायंस को 18औरऔर भी

मुकेश अंबानी के नेतृत्व में रिलायंस इंडस्ट्रीज नए से नए क्षेत्रों में उतरने की कोशिश में लगी है। वित्तीय सेवाओं के बाद ताजा खबर यह है कि कंपनी सुरक्षा व आपदा प्रबंधन के व्यवसाय में उतरेगी, जिसमें 4जी टेलिकॉम सेवाओं का इस्तेमाल किया जाएगा। लेकिन उसके मौजूदा पेट्रोलियम व्यवसाय में सरकारी बाधाएं आ रही हैं। तेल उत्खनन क्षेत्र के नियामक हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (डीजीएच) ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के कृष्णा गोदावरी बेसिन के डी-6 गैस फील्ड में और खर्चऔरऔर भी